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नागचंद जी महाराज - कच्छ के भोजाय गांव में आपका जन्म शाहलाल जी जेवत के यहाँ हुआ। आप संवत् 1947 में 3 वर्ष की आयु में पूज्य कर्मसिंह जी महाराज से दीक्षित हुए। आप संवत् 1958 में आचार्य पद पर प्रतिष्ठित हुए। आपने गुजराती में अनेक रास रचे।
देवचंद जी महाराज - आपका जन्म 1940 में हआ और दीक्षा संवत् 1957 में हुई । आप न्याय साहित्य और व्याकरण के प्रकाण्ड पण्डित थे । आपने 'स्थानांग सूत्र' का भाषांतर किया। आपका संवत् 2000 में पोरबंदर में स्वर्गवास हुआ।
पूज्यरत्नचंद जी महाराज - आपने पूज्य नागचंद जी के पास संवत् 1975 में दीक्षा ली। आपने संस्कृत में तीन चरित ग्रंथों की रचना की।
जयमलजी महाराज - आप लानिया निवासी मोहनदासजी समदड़िया मूथा के सुपुत्र थे । मेड़ता में आपने भूधर जी का प्रवचन सुना वैराग्य हुआ और दीक्षित हो गये। संवत् 1887 मार्गशीर्ष 2 को आपने पंच महाव्रत धारण कर लिया। आपका समाधिकरणसंवत् 1853 की वैसाख सुदी 14 को हुआ। आपके सम्प्रदाय में जोरावरमल जी महाराज दीक्षित हुए, जिनका स्वर्गवास संवत् 1986 में हुआ। जोरावरमल जी विद्वान और कुरीतियों के निषेधक थे।
धर्मसिंह जी महाराज की दरियापुरी समुदाय परम्परा प्रस्तुत है - 1. धर्मसिंह जी महाराज 2. सोमजी
मेघजी द्वारिकादास जी गोरासी नाथाजी ऋषि
जयचंद जीऋषि 8. मोरारजी ऋषि 9. नाथाजी ऋशि 10. प्रागजी ऋषि 11. शंकरजी ऋषि 12. खुशालजी महाराज 13. हरखचंद जी महाराज 14. मोरारजी महाराज 15. झवेरचंद जी महाराज 16. पूंजा जी महाराज 17. नाना भगवान जी 18. मलूकचंद जी महाराज 19. हीराचंद जी महाराज 20. रघुनाथ जी महाराज
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