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पूर्णिमा पक्षे कच्छोलीवाल - इस गच्छ के उल्लेख 1456 ई, 1434 ई, 1468 ई और 1470 ई के प्रतिमा लेखों में मिले हैं।'
पूर्णिमा पक्षे वटपद्रीय - साँगानेर के महावीर मंदिर में 1466 ई में इसका उल्लेख
उपकेशगच्छ - ओसिया से उत्पन्न इस गच्छ का उल्लेख 1287 ई से 1535 ई तक की 58 प्रतिमाओं के लेखन में मिला है।
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कृष्णर्षि गच्छ - इस गच्छ का उल्लेख 1416ई, 1444 ई, 1467ई, और 1477 ई की मूर्तियों में उपलब्ध हैं । 4 सिरोही की दो मूर्तियों में 1426 ई में इसका उल्लेख है । '
कृष्णर्षि तपागच्छ इस गच्छ का उल्लेख 1426 ई, 1450 ई, 1468 ई, 1473 ई और 1477 ई के प्रतिमा लेखों में मिलता है । '
कोमल गच्छ - इस गच्छ का नाम देरासर ने पार्श्वनाथ मंदिर के अजितनाथ के 1477 ई के लेख में उपलब्ध होता है ।"
खड़ायथ गच्छ - सिरोही के आदिनाथ मंदिर के 1236 ई में अभिलेख में इस गच्छ का उल्लेख है ।
खरतरगच्छ - राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 1251 ई से 1599 ई तक के 152 प्रतिमा लेखों में इस गच्छ के आचार्यों और श्रावकों के नामोल्लेख मिलते हैं ।
खरतर मधुकर गच्छ - खरतरगच्छ की इस शाखा का उल्लेख मेड़ता में 1490 ई के एक लेख में मिलता है। 10
कोरंट गच्छ - इस गच्छ के नामोल्लेख 1335 ई से 1511 ई तक की 18 मूर्तियों में उपलब्ध हुए हैं। "
जगदेव संतानीय गच्छ - सिरोही राज्य के धराद से प्राप्त 2 मूर्तियों- 1465 ई और 1526 ई और जीरादल्ला से प्राप्त 1364 ई की प्रतिमाओं में इस गच्छ के उल्लेख मिलते हैं । 12
1. प्रतिष्ठा लेख संग्रह, क्रमांक 523, 657, 84, 685
2. वही, क्रमांक 626
3. वहीं, परिशिष्ट, पृ 222
4. वही, क्रमांक 23, 351, 648, 782
5. श्री जैन प्रतिमा लेख संग्रह, 288, 291
6. प्रतिष्ठा लेख संग्रह, क्रमांक 241, 416, 659, 722, 780
7. वही, क्रमांक 770
8. वही, क्रमांक 56
9. वही, परि. 2, पृष्ठ 223
10. वही, क्रमांक 848
11. वही 2, पृ 223, श्री जैन प्रतिष्ठा लेखसंग्रह, क्रमांक 7, 205 12. श्री जैन प्रतिमा लेख संग्रह, क्रमांक 40, 10, 303 अ,
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