Book Title: Karmagrantha Part 5
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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३६८
गाथा ६४
३४८-३५४ प्रदेशबंध के सादि वगैरह भंग
३४६ गाथा ६५, ६६
३५४-३६२ योगस्थान, प्रकृति, स्थितिबंध, स्थितिबन्धाध्यवसायस्थान, अनुभाग-धंधाध्याय चाल, कहा और रमच्छेद का परस्पर में अल्पबहुत्व
३५५ प्रकृति, प्रदेश, स्थिति और अनुभाग बंध के कारण गाथा ६७
३६२-३७० लोक का स्वरूप
३६२ लोक का आधार व आकार
३६४ अधोलोक का समीकरण ऊर्ध्वलोक का समीकरण श्रेणि और प्रतर का स्वरूप
३६६ माथा १८
३७१-३८६ उपशमणि का वर्णन
३७१ अनन्तानुबंधी कषाय के उपशम की विधि
રૂ૭૨ दर्शनधिक का उपशम
३७५ चारित्रमोहनीय का उपशम
३७६ उपश मणि से पसित होने पर गुणस्थानों में आने का क्रम उपशमणि से गिरकर क्षपकणि पर चढ़ने विषयक मतभिन्नता
३८२ उपशम और क्षयोपशम में अन्तर
३८५ गाथा ६९, १००
३८७-३६७ क्षपकणि का स्वरूप अनन्तानुबंधी चतुष्क और दर्शनत्रिक का क्षपणक्रम चारित्रमोहनीय का क्षपणक्रम
३६१
३८२
३८६
३८६