Book Title: Karmagrantha Part 5
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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विभाग का क्रम
गाथा ८१
मूल कर्मों में विभक्त कर्मदलिकों का उत्तर प्रकृतियों
विभाग का क्रम
गाथा ८२
गुणश्रेणियों की संख्या और उनका वर्णन
गाथा ८३
( ३८ }
गुणश्रेणि का स्वरूप
प्रत्येक गुणश्रेणि में होने वाली निर्जरा का प्रमाण
ग्राथण ८४
गुणस्थानों के जघन्य और उत्कृष्ट अन्तराल का वर्णन
गाथा ६५
पल्योपम और सागरोपम के भेदों का विवेचन
अंगुल के भेदों की व्याख्या
गाथा ८६ ८७ ८८
गाथा ५६
पुद्गल परावर्त के भेद
बादर और सूक्ष्म द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव पुद्गल
परावर्तों का स्वरूप
उत्कृष्ट और जघन्य प्रदेशबंध के स्वामी
गाया ६०, ६१, ६२
मूल
और उत्तर प्रकृतियों की अपेक्षा उत्कृष्ट प्रदेशबंध के स्वामियों का निरूपण
गाया ६३
मूल और उत्तर प्रकृतियों की अपेक्षा जघन्य प्रदेशबंध के स्वामियों का विवेचन
२८६
२८६ - २६६
२५६
२६७-३०१
२६७
३०१-३०६
३०२
३०५
३८६-३१३
३०६
३१३-३२३
३१४
३२१
१२३-३३३
३२४
३२७
३३४-३३६
३३५
३३६-३४४
३३७
३४४-३४८
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