Book Title: Karmagrantha Part 5
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
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प्रशासक
२३. उससे असंज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्त का जघन्य स्थितिबंध कुछ अधिक है।
२४. उससे असंही पंचेन्द्रिय अपर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध कुछ अधिक है।
२५. उससे असंजी पंचेन्द्रिय पर्याप्त का उत्कृष्ट स्थितिबंध कुछ अधिक है।
२६. उससे मयत का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है। २७. उससे देशसंयत का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है। २८. उससे देशसंयत का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है ।
२६. उससे पर्याप्त सम्पषि मन्य सिमग संख्यात गृणा है।
३०. उससे अपर्याप्त सम्यग्दृष्टि का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है।
३१. उससे अपर्याप्त सम्यादृष्टि का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है। __३२, उससे पर्याप्त सम्यग्दृष्टि का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है।
३३. उससे संज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्त मिथ्याइष्टि का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है ।
३४. उससे संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्त मिथ्यादृष्टि का जघन्य स्थितिबंध संख्यात गुणा है।
३५. उससे संशी पंचेन्द्रिय अपर्याप्त मिथ्यादृष्टि का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है।
३६. उससे संभी पंचेन्द्रिय पर्याप्त मिथ्यादृष्टि का उत्कृष्ट स्थितिबंध संख्यात गुणा है।