Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. १६ : उ. १२-१४ : सू. १२९-१३४
भगवती सूत्र १२९. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है। यावत् विहरण करने लगे।
बारहवां से चौदहवां उद्देशक १३०. भंते ! क्या सब उदधिकुमार समान आहार वाले हैं?
पूर्ववत्, द्वीपकुमार की भांति वक्तव्यता। १३१. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है। १३२. इसी प्रकार दिशाकुमार भी वक्तव्य हैं। १३३. इसी प्रकार स्तनितकुमार भी वक्तव्य हैं। १३४. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है, यावत् विहरण करने लगे।
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