Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. २४ : उ. २,३ : सू. १४०-१४६ १४०. संख्यात वर्ष की आयु वाले पर्याप्त-संज्ञी-मनुष्य, जो असुरकुमार में उपपन्न होने योग्य है, भन्ते! वह कितने काल की स्थिति वाले असुरकुमारों में उपपन्न होता है? गौतम! जघन्यतः दस-हजार-वर्ष की स्थिति वाले, उत्कृष्टतः कुछ-अधिक-एक-सागरोपम
की स्थिति वाले असुरकुमारों में उपपन्न होता है। १४१. भन्ते! वे जीव एक समय में कितने उपपन्न होते हैं? इस प्रकार जैसे इन जीवों के रत्नप्रभा-पृथ्वी में उपपन्न होने पर जो नव गमक होते हैं, (भ. २४/९६-१०४) उसी प्रकार यहां पर भी नव गमक वक्तव्य है, केवल इतना विशेष है-कायसंवेध कुछ-अधिक-सागरोपम
करणीय है। शेष पूर्ववत्। १४२. भन्ते! वह ऐसा ही है। भन्ते! वह ऐसा ही है।
तीसरा उद्देशक नागकुमार-अधिकार १४३. राजगृह में यावत् इस प्रकार कहा-भन्ते! नागकुमार-(देव) के रूप में जीव कहां से उपपन्न होते हैं क्या नैरयिकों से उपपन्न होते हैं? तिर्यग्योनिकों, मनुष्यों और देवों से उपपन्न होते हैं? गौतम ! नैरयिकों से उपपन्न नहीं होते, तिर्यञ्चयोनिक-जीवों से उपपन्न होते हैं, मनुष्यों से उपपन्न होते हैं, देवों से उपपन्न नहीं होते। पन्द्रहवां आलापक : नागकुमार-देव में असंज्ञी-तिर्यंच-पंचेन्द्रिय-जीवों का उपपात-आदि १४४. यदि तिर्यग्योनिकों से उपपन्न होते हैं.....? इस प्रकार जैसे असुरकुमार के विषय में वक्तव्यता वैसी ही नागकुमार के सम्बन्ध में वक्तव्यता यावत् असंज्ञी तक। (भ. २४/ ११६-११८) १४५. यदि संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उपपन्न होते हैं तो क्या संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उपपन्न होते हैं? असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों (यौगलिकों) से उपपन्न होते हैं?
गौतम! संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों से उपपन्न होते हैं, अंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिकों (यौगलिकों) से भी उपपन्न होते हैं। (भ. २४/१३५) सोलहवां आलापक : नागकुमार-देव में असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी-तिर्यंच
-पंचेन्द्रिय (यौगलिकों) का उपपात-आदि (पहला गमक : औधिक और औधिक) १४६. भन्ते! असंख्यात वर्ष की आयु वाला संज्ञी-पञ्चेन्द्रिय-तिर्यग्योनिक (यौगलिक) जो नागकुमारों में उपपन्न होने योग्य है, भन्ते! वह कितने काल की स्थिति वाले नागकुमारों में उपपन्न होता है? गौतम! जघन्यतः दस-हजार-वर्ष की स्थिति वाले उत्कृष्टतः कुछ-देशोन-दो-पल्योपम स्थिति वाले नागकुमारों म उपपन्न होता है।
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