Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. २४ : उ. २ : सू. १३६-१३९
असुरकुमार में असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी - मनुष्यों (यौगलिकों) का उपपात - -आदि
(पहला, दूसरा और तीसरा गमक : औधिक और औधिक, औधिक और जघन्य, औधिक और उत्कृष्ट)
१३६. भन्ते! असंख्यात वर्ष की आयु वाला संज्ञी - मनुष्य ( यौगलिक), जो असुरकुमारों में उपपन्न होने योग्य है, भन्ते ! वह कितने काल की स्थिति वाले असुरकुमारों में उपपन्न होता है ?
गौतम ! जघन्यतः दस हजार वर्ष की स्थिति वाले, उत्कृष्टतः तीन पल्योपम की स्थिति वाले असुरकुमारों में उपपन्न होता है। इसी प्रकार असंख्येय-वर्ष की आयुवाले तिर्यग्योनिक( यौगलिकों) के समान प्रथम तीन गमक ज्ञातव्य है । केवल इतना विशेष है शरीर की अवगाहना - प्रथम और द्वितीय गमकों में जघन्यतः कुछ अधिक पांच सौ - धनुष, उत्कृष्टतः तीन गव्यूत । शेष पूर्ववत् । तीसरे गमक में अवगाहना - जघन्यतः तीन गव्यूत, उत्कृष्टतः भी तीन गव्यूत । शेष असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी - पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक ( यौगलिकों) की भांति वक्तव्य है ।
(चौथा, पांचवां और छट्टा गमक : जघन्य और औधिक, जघन्य और जघन्य, जघन्य और उत्कृष्ट)
१३७. वही अपनी जघन्य काल की स्थिति में उत्पन्न असंख्यात वर्ष की आयु वाला संज्ञी - - मनुष्य ( यौगलिक) से असुरकुमारों में उत्पन्न होता है, उसके भी जघन्य काल की स्थिति वाले असंख्यात वर्ष की आयु वाले पञ्चेन्द्रिय-संज्ञी - तिर्यग्योनिकों के समान तीन गमक वक्तव्य है (भ. २४ / १२४ - १२७) । इतना विशेष है - शरीर की अवगाहना - तीनों ही गमकों में जघन्यतः कुछ अधिक पांच सौ धनुष, उत्कृष्टतः भी कुछ अधिक पांच सौ धनुष । शेष पूर्ववत् ।
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(सातवां, आठवां और नवां गमक : उत्कृष्ट और औधिक, उत्कृष्ट और जघन्य, उत्कृष्ट और उत्कृष्ट)
१३८. वही अपनी उत्कृष्ट काल- स्थिति में उत्पन्न मनुष्य असुरकुमारों में उपपन्न होता है । उसके भी वे ही अन्तिम तीन गमक वक्तव्य हैं, (भ. २४/१२८- १३०) । केवल इतना विशेष है - शरीर की अवगाहना - तीनों ही गमकों में जघन्यतः तीन गव्यूत, उत्कृष्टतः तीन गव्यूत । अवशेष पूर्ववत् ।
चौदहवां आलापक : असुरकुमार में संख्यात वर्ष की आयु वाले पर्याप्त संज्ञी मनुष्य का उपपात-आदि
१३९. यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी - मनुष्यों से उपपन्न होते हैं तो क्या - संख्यात वर्ष की आयु वाले पर्याप्त संज्ञी - मनुष्यों से उपपन्न होते हैं ? संख्यात वर्ष की आयु वाले अपर्याप्त-संज्ञी - मनुष्यों से उपपन्न होते हैं?
गौतम ! संख्यात वर्ष की आयु वाले पर्याप्त संज्ञी - मनुष्यों से उपपन्न होते हैं । संख्यात वर्ष की आयु वाले अपर्याप्त संज्ञी - मनुष्यों से उपपन्न नहीं होते ।
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