Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 571
________________ पृष्ठ सूत्र पक्ति | अशुद्ध ८२९ ३५९ ३ गौतम! हीन ८३१ सूत्र पंक्ति अशुद्ध ३७६ १ यदि | २ | गौतम ! लेश्या | १ | यदि | स्नातक १ स्नातक शुद्ध (कषाय-कुशील) यदि गौतम ! (निर्ग्रन्थ) लेश्या (निर्ग्रन्थ) यदि (स्नातक) (स्नातक) पृष्ठ सूत्र पंक्ति ८३५ ८३६ ४१६/ २ ४१६-२ अशुद्ध गौतम! एक गौतम ! जघन्यतः आकर्ष। गौतम! (स्नातक) एक गौतम (पुलाक के एक भव में) जघन्यतः आकर्ष (प्रज्ञप्त हैं)। ८३५ ३६० १ |, भन्ते! स्नातक चारित्र-पर्यवों से.....? पृच्छा गौतम! हीन ३६० ३ ८३२ ४१८ ८३२ ८३२ ३ | गौतम! वर्धमान १ | निर्ग्रन्थ....? गौतम! वर्धमान २ गौतम! जघन्यतः गौतम ! (पुलाक) वर्धमान निर्ग्रन्थगौतम! (निर्ग्रन्थ) वर्धमान गौतम! (पुलाक) जघन्यतः ३६१ १ भन्ते! स्नातक चारित्र-पर्यवों से.....? पृच्छा गौतम! हीन ८२९ | ३६१ ३ । २ | गौतम ! जघन्यतः गौतम ! (निर्ग्रन्थ) जघन्यतः ३६२ २ चारित्र-पर्यवों गौतम ! (एक स्नातक विजातीय संयमस्थानों के संयोजन की अपेक्षा पुलाक भिक्षु के चरित्र-पर्यवों से) हीन भन्ते! एक स्नातक चरित्र-पर्यवों से पृच्छा गौतम! (एक स्नातक विजातीय संयमस्थानों के संयोजन की अपेक्षा निर्ग्रन्था के चरित्र-पर्यवों से) हीन भन्ते! एक स्नातक के चरित्र-पर्यवों से-पृच्छा गौतम! (एक सातक सजातीय संयमस्थानों की अपेक्षा दूसरे स्नातक के चरित्र-पर्यवों से) हीन चरित्र-पर्यवों इनमें (छह चरित्र-पर्यों में (पुलाक) (पुलाक) यदि गौतम ! (पुलाक) मन स्नातक(स्नातक) (स्नातक) यदि होता हैगौतम! (पुलाक) साकारोपयोग गौतम ! (पुलाक) कषाय (पुलाक) यदि गौतम! (पुलाक) चारों | १ २ २ भन्ते! (स्नातक) कितने गौतम ! (स्नातक) जघन्यतः गौतम! (पुलाक) आयुष्य बकुशगौतम ! (बकुश) सात ४ २ चारित्र-पर्यवों में पुलाक - २ - ३ | गौतम ! मन १ स्नातक.... २ स्नातक २ २ भन्ते! कितने गौतम! जघन्यतः गौतम! आयुष्य बकुश......? गौतम! सात ....? पृच्छा गौतम! सात गौतम! एक स्नातक गौतम! नियमतः गौतम ! मोहनीय | गौतम! वेदनीय गौतम! आयुष्य - ४२४ - २ गौतम ! (कषाय-कुशील) सात गौतम ! (निर्ग्रन्थ) एक | (स्नातक) गौतम ! (पुलाक) नियमतः गौतम ! (निर्ग्रन्थ) मोहनीय गौतम ! (स्नातक) वेदनीय गौतम ! (पुलाक) आयुष्य गौतम ! (बकुश) सात इसी प्रकार प्रतिषेवणा-कुशील की ८३६ सर्वत्र १ ....? पृच्छा -पृच्छा ८३६|| ४१७ २ गौतम! जघन्यतः गौतम! (बकुश के एक भव में) जघन्यतः ८३६ गौतम ! जघन्यतः गौतम! (निर्ग्रन्थ के एक भव में) जघन्यतः | २ | गौतम! एक गौतम! (स्नातक के एक भव में) एक ८३६ २ | गौतम! जघन्यतः गौतम ! (पुलाक के अनेक भवों में) जघन्यतः ८३६ ४२१] २ | गौतम! जघन्यतः गौतम! (बकुश के अनेक भवों में) जघन्यतः ८३६, ४२१ आकर्ष (दो हजार से नौ हजार तक) (दो हजार से नौ हजार तक) आकर्ष ८३६ ४२२/ २ | गौतम! जघन्यतः गौतम! (निर्ग्रन्थ के अनेक भवों में)| जघन्यतः ८३६ ४२२ २ | आकर्ष। आकर्ष (होते हैं)। ८३६ | ४२३| २ | गौतम! एक गौतम ! (स्नातक के अनेक भवों में, एक ८३६ | २ | गौतम ! जघन्यतः गौतम ! ((एक) पुलाक काल की अपेक्षा) जघन्यतः २ | अन्तर्मुहर्त। अन्तर्मुहूर्त (तक होता है)। गौतम! जघन्यतः गौतम ! ((एक) बकुश काल की अपेक्षा) जघन्यतः | इसी (एक) प्रकार इसी प्रकार (एक) २ | कोटि-पूर्व। कोटि-पूर्व (तक होता है)। २ | गौतम ! जघन्यतः गौतम! ((एक) निर्ग्रन्थ काल की अपेक्षा) जघन्यतः २ अन्तर्मुहूर्त अन्तर्मुहूर्त (तक होता है)। २ | गौतम! जघन्यतः गौतम ! ((एक) स्नातक काल की अपेक्षा) जघन्यतः | २ | कोटि-पूर्व। कोटि-पूर्व (तक होता है)। ४२८/ २ गौतम! जघन्यतः गौतम! ((अनेक) पुलाक काल की अपेक्षा) जघन्यतः २ | अन्तर्मुहतः। अन्तर्मुहूर्त (तक रहते हैं)। .....? पृच्छा -पृच्छा २ | गौतम! सर्व गौतम! ((अनेक) बकुश) सर्व पुलाकों की भांति स्नातक की (अनेक) बकुश स्नातकों की (अनेक) बकुशों ८३७४३० २ | गौतम ! जघन्यतः गौतम! ((एक) पुलाक के पुनः पुलाव होने में) जघन्यतः काल-काल काल (का अन्तर होता है)-काल - -- २ ३ होता है...... गौतम! साकारोपयोग २ गौतम! कषाय १ यदि २ गौतम चारों १ कषाय-कुशील......? गौतम! कषाय له ३६८ गौतम! सात कषाय-कुशील २० - गौतम ! (कषाय-कुशील) कषाय (कषाय-कुशील) यदि गौतम ! (कषाय-कुशील) चार गौतम ! (कषाय-कुशील) निर्ग्रन्थ गौतम ! (निर्ग्रन्थ) पांच गौतम! (स्नातक) दो गौतम! (वह) प्रतिषेवणा गौतम! चार |....? पृच्छा -- -पृच्छा ३७५, | प्रतिषेवणा-कुशील की पूर्ववत् १ ....? पृच्छा २ | गौतम! निर्ग्रन्थ गौतम ! पांच गौतम! दो | गौतम ! प्रतिषेवणा .....? पृच्छा गौतम! कषाय २ गौतम! निर्ग्रन्थत्व २ सातक गौतम नोसंज्ञोपयुक्त २ | गौतम संज्ञोपयुक्त २ | गौतम आहारक ३७७, ३७९ yyyyy ८३६ ३ गौतम! उपशान्त २ गौतम! लेश्या गौतम! (वह) कषाय गौतम! (वह) निर्ग्रन्थत्व (स्नातक) गौतम ! (पुलाक) नोसंज्ञोपयुक्त गौतम ! (बकुश) संज्ञोपयुक्त गौतम ! (पुलाक) आहारक (स्नातक) गौतम ! (पुलाक) जघन्यतः गौतम ! (बकुश) जघन्यतः (निर्ग्रन्थ) यदि गौतम! (निर्ग्रन्थ) उपशान्त गौतम! (पुलाक) लेश्या (पुलाक) यदि गौतम ! (पुलाक) तीन कषाय-कुशीलगौतम! (कषाय-कुशील) लेश्या पुलाक की भांति | २ १ ८३५ गौतम! तीन कषाय-कुशील....? गौतम! लेश्या ४१३/ २ | गौतम ! जघन्यतः गौतम! जघन्यतः

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