Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 568
________________ पृष्ठ सूत्र पंक्ति |८११ २१४| २ गौतम! देशतः RR " " ८१२ | २१६ :: " "1 ८१२ २१७, २२२ ८१२ २१७ २ 432=2 ८१२ | २१८ | ८१२ | २१९ | :: |८१२ | २१९ | २२० " २१५ " " " "" 2 " " २१८ | ३ " २२१ २२३ | ८१३ | २२६ ८१२ २२२२ २२४ | 33 | ८१३ | २२७ | २२७ २२५ mor १ २ गौतम ! देशतः १ ३ ३ الله الله = m ३ ३ ३ २ ३ 1 or 1. ३,४ १ ३ अशुद्ध स्कन्ध......? पृच्छा। गौतम! काल सप्रकम्प जघन्यतः परमाणु-पुद्गल गौतम! जघन्यतः काल । गौतम! जघन्यतः का असंख्यातवां भाग । गौतम! जघन्यतः का असंख्यातवां भाग । गौतम! जघन्यतः काल तक रहता है। गौतम! सर्वदा (सर्वकाल) । गौतम! सर्वदा । गौतम! सर्वदा । गौतम! सर्वदा । गौतम! सर्वदा। इसी काल । गौतम! स्वस्थानान्तर परमाणु- पुद्गल की गौतम! स्वस्थानान्तर शुद्ध गौतम! ((अनेक) परमाणु-पुद्गल दशतः स्कन्ध- पृच्छा। गौतम! ((अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध) देशतः गौतम! ( (एक) परमाणु-पुद्गल काल सेज) जघन्यतः (परमाणु-पुद्गल) गौतम! ((एक) परमाणु-पुद्गल काल की अपेक्षा निरेज) जघन्यतः काल (तक रहता है)। गौतम! ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा सर्वतः सैज ) जघन्यतः -असंख्यातवें भाग ( तक रहता है)। गौतम! ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा निरेज) जघन्यतः के असंख्यातवें (तक भाग रहता है) गौतम! ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा निरेज) जघन्यतः काल (तक रहता है)। गौतम! ((अनेक) परमाणु-पुद्गल काल की अपेक्षा सर्वतः सेज) सर्वदा (सर्वकाल) (रहते हैं)। गौतम! ((अनेक) परमाणु-पुद्गल काल की अपेक्षा निरेज) सर्वदा (रहते हैं)। गौतम! ( ( अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा देशतः सेज) सर्वदा । (रहते हैं)। गौतम! ( ( अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा सर्वतः सैज) सर्वदा (रहते हैं)। गौतम! ((अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध काल की अपेक्षा निरेज) सर्वदा (रहते हैं)। इसी गौतम! ((एक परमाणु- पुद्गल की सर्वतः सेज अवस्था में काल का अन्तर) स्वस्थानान्तर काल (होता है)। (परमाणु- पुद्गल की) गौतम! ((एक) परमाणु-पुद्गल की निरेज अवस्था में काल का अन्तर) स्वस्थानान्तर पृष्ठ सूत्र पंक्ति ८१३ २२७ 8 RSS " ८१३ | २२८ | === " ८१३ २२९ | २२९ " "3 ८१३ २३० 3: " २३० ८१३ २३० | २३१ ८१३ | २३२ | " २३० १ ३ ८१३ २३४, २३५ २३४ | " २३३ | " ८१३ | २३२ | ३ २३३ | |८१३ २३५ |८१४ | २३६ २३८ २३९ " १ २ " ४ १ ३ " w x 2 ३ १ or m ३ ३ भाग। काल । १ स्कन्ध का गौतम! स्वस्थानान्तर अनन्त काल । द्वि-प्रदेशी स्कन्ध की दशतः (भंते!) द्वि-प्रदेशी स्कन्ध की स्वस्थानान्तर भाग। अनन्त काल इसी प्रकार अन्तर १ द्वि-प्रदेशी स्कन्धों की अशुद्ध परमाणु-पुद्गलों की अन्तर भते ! अन्तर अन्तर अन्तर कौन - किनसे १ भंते! देशतः ३ कौन - किनसे १३, १४ असंख्येय-गुणा हैं। प्रदेश की अपेक्षा १६, १७ पूर्ववत् । द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा ८१५ २४१ १.२ प्रज्ञप्त हैं ? अधर्मास्तिकाय प्रज्ञप्त है। शुद्ध -भाग (होता है)। काल (होता है)। स्कन्ध की ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध की देशत सैज अवस्था में काल का अन्तर) स्वस्थानान्तर अनन्त काल (होता है) । (द्विप्रदेशिक स्कन्ध की) ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध की सर्वत सेज अवस्था में काल का अंतर) देशत (भंते!) ((एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध की ((एक) द्विप्रदेशिक स्कन्ध की निरेज अवस्था में काल का अन्तर) स्वस्थानान्तर -भाग (होता है)। अनन्तकाल (होता है)। इस प्रकार ((अनेक) परमाणु-पुद्गलों की सर्वत सेज अवस्था में काल का ) अन्तर (परमाणु- पुद्गलों की) ((अनेक) परमाणु-पुद्गलों की निरेज अवस्था में काल का) अन्तर (भंते!) ((अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्धों की देशतः सैज अवस्था में काल का ) अन्तर (द्विप्रदेशिक स्कन्धों की) ((अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्धों की सर्वतः सेज अवस्था में काल का ) अन्तर ((अनेक) द्विप्रदेशिक स्कन्धों की निरेज अवस्था में काल का) अन्तर कौन किनसे भन्ते! इन देशतः कौन किनसे असंख्येय-गुणा हैं। प्रदेश की अपेक्षा पूर्ववत्। द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा प्रज्ञप्त हैं ? इसी प्रकार (अधर्मास्तिकाय.....प्रज्ञप्त है। ) पृष्ठ सूत्र पंक्ति ८१५ २४२ १, २ ८१५ २४४ २४७ ८१६ २४८ २४८ | २ २४९ | १ ८१६ २४९ | २ " " " ८१६ २५० २५० " २५१ ८१६ २५१ ८१६ २५२ २५२ । " 33 " " " " " "1 " " " " २५४ | २५४ | २५५ १ २ २५५ | ८१७ २५५ ३ ८१७ २५६ १. ३ ३ :: ३ ". २ २५३ १. २५३ | " ३ १ १ २ १ २ १ ८१७ २५६ | २ ४ २५७ - १ २६० २५७ २६१ २ १ २ २ २५८ र २५९ २ २६० २ १ २ अशुद्ध प्रज्ञप्त हैं ? आकाशास्तिकाय.. गौतम! जघन्यतः गौतम! संख्येय होता है ? पूर्ववत् होता है ? हैं ? ........ पृच्छा । गौतम ! संख्येय हैं.......? पृच्छा। गौतम! संख्येय होते हैं? पूर्ववत् होते हैं....? पूर्ववत् वक्तव्यता है (भ. २५/ २५१) । होते हैं ? ..... पृच्छा। गौतम! संख्येय पूर्ववत् (भ. २५/२४७) की भांति ((एक) स्तोक) पूर्ववत् (भ. २५/ २४७ की भांति ) । गौतम! संख्येय और उत्सर्पिणी .....? पृच्छा गौतम! संख्येय शुद्ध प्रज्ञप्त हैं? इसी प्रकार (आकाशास्ति प्रज्ञप्त है।) प्रज्ञप्त है। काय गौतम ! स्यात् गौतम! संख्येय गौतम! संख्येय वाले होते हैं ? वाले होते हैं ?.... जैसे वैसे गौतम! (जीवास्तिकाय के ये आठ मध्य प्रदेश) जघन्यतः गौतम! ((एक) आवलिका) संख्येय होता है० ? ((एक) आनापान ) पूर्ववत् होता है० ? है-पृच्छा । गौतम! ((एक) पुद्गल परिवर्त) संख्येय हैं- पृच्छा । गौतम! ((अनेक आवलिकाएं) संख्येव है......? पृच्छा। है-पृच्छा। गौतम! संख्येय स्तोक भी। है........? पृच्छा । गौतम! ((एक) आनापान ) संख्येय स्तोक भी (वक्तव्य है) । है- पृच्छा। इसी प्रकार अवसर्पिणी इस प्रकार (एक) अवसर्पिणी भी इसी प्रकार सागरोपम की वक्तव्य है। इस प्रकार (एक) सागरोपम भी होते हैं० ? ((अनेक) आनापान ) पूर्ववत् होते हैं ० ? पूर्ववत् (भ. २५/२५१ की भांति) होते हैं० ? -पृच्छा । गौतम! ((अनेक) पुद्गल परिवर्त) संख्येय (वक्तव्य है)। गौतम! ((एक) पल्योपम) संख्येय और (एक) उत्सर्पिणी -पृच्छा। गौतम! ((एक) पुद्गल परिवर्त) संख्येय गौतम! ( ( अनेक) आनापान ) स्यात् गौतम ((अनेक पल्योपम) संख्येय गौतम! ((अनेक) पुद्गल परिवर्त) संख्येय वाला होता है ? (अथवा ) वाला होता है ? जैसी वैसी

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