Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. २५ : उ. ४ : सू. २०२-२११
भगवती सूत्र गौतम! सर्वकाल। इसी प्रकार यावत् (अनेक) अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध वक्तव्य हैं। २०३. भन्ते! (एक) परमाणु-पुद्गल के सैज अवस्था का कितने काल का अन्तर होता है? गौतम! स्वस्थानान्तर की अपेक्षा से जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः असंख्येय काल। परस्थानान्तर की अपेक्षा जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः असंख्येय काल। २०४. (भन्ते! एक परमाणु-पुद्गल का) निरेज अवस्था का कितने काल का अन्तर होता है? गौतम! स्वस्थानान्तर की अपेक्षा से जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः आवलिका-का-असंख्यातवां-भाग। परस्थानान्तर की अपेक्षा जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः असंख्येय काल। २०५. भन्ते! (एक) द्वि-प्रदेशी स्कन्ध के सैज अवस्था......? पृच्छा। गौतम! स्वस्थानान्तर की अपेक्षा जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः असंख्येय काल। परस्थानान्तर की अपेक्षा जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः अनन्त काल। २०६. (एक द्वि-प्रदेशी स्कन्ध का) निरेज अवस्था का कितने काल का अन्तर होता है? गौतम! स्वस्थानान्तर की अपेक्षा से जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः आवलिका-का-असंख्यातवां-भाग। परस्थानान्तर की अपेक्षा जघन्यतः एक समय, उत्कृष्टतः अनंत काल । इसी प्रकार यावत् (एक) अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध वक्तव्य है। २०७. भन्ते! (अनेक) परमाणु-पुद्गलों का सैज अवस्था का कितने काल का अन्तर होता
गौतम! अन्तर नहीं होता। २०८. (भन्ते!) (अनेक) परमाणु-पुद्गलों की निरेज अवस्था का कितने काल का अन्तर होता
गौतम! अन्तर नहीं होता। इसी प्रकार यावत् (अनेक) अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध वक्तव्य हैं। २०९. भन्ते! इन सैज और निरेज परमाणु-पुद्गलों में कौन-किनसे अल्प? बहुत? तुल्य? या विशेषाधिक हैं? गौतम! सैज परमाणु-पुद्गल सबसे अल्प हैं, निरेज परमाणु-पुद्गल इनसे असंख्येय-गुणा हैं। इसी प्रकार यावत् असंख्येय-प्रदेशी स्कन्ध वक्तव्य हैं। २१०. भन्ते! इन सैज और निरेज अनन्त-प्रदेशी स्कन्धों में कौन-किनसे अल्प? बहुत? तुल्य? या विशेषाधिक हैं? गौतम! निरेज अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध सबसे अल्प हैं, सैज अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध इनसे अनन्त-गुणा हैं। २११. भन्ते! इन सैज और निरेज परमाणु-पुदगलों, संख्येय-प्रदेशी स्कन्धों, असंख्येय-प्रदेशी
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