Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. २५ : उ. ३ : सू. ६४-७०
भगवती सूत्र ६४. भन्ते! (एक) चतुष्कोण-संस्थान क्या कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाला है....?
जैसी वृत्त-संस्थान की वक्तव्यता वैसी चतुष्कोण-संस्थान की वक्तव्यता। ६५. भन्ते! (एक) आयत-संस्थान.........? पृच्छा। गौतम! आयत-संस्थान स्यात् कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाला है यावत् स्यात्
कल्योज-प्रदेशों का अवगाहन करने वाला है। ६६. भन्ते! (अनेक) परिमण्डल-संस्थान क्या कृतयुग्मों प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं....? पृच्छा । गौतम! (अनेक) परिण्मडल-संस्थान ओघ की अपेक्षा से भी और विधान की अपेक्षा से भी कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं, योज-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, द्वापरयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते। ६७. भन्ते! (अनेक) वृत्त-संस्थान क्या कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं...?
पृच्छा । गौतम! (अनेक) वृत्त-संस्थान ओघ की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं, योज-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, द्वापरयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज--प्रदेश का अवगाहन नहीं करते, विधान की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं, योज-प्रदेशों का भी अवगाहन करने वाले भी हैं, द्वापरयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज-प्रदेशों का भी अवगाहन करने वाले हैं। ६८. भन्ते! (अनेक) त्रिकोण-संस्थान क्या कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं....? पृच्छा । गौतम! (अनेक) त्रिकोण-संस्थान ओघ की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं, योज-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, द्वापरयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज-कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, विधान की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले भी हैं, योज-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले भी हैं, द्वापरयुग्म से प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले भी हैं। चतुष्कोणसंस्थान की वृत्त-संस्थान की भांति वक्तव्यता। ६९. भन्ते! (अनेक) आयत-संस्थान......? पृच्छा। गौतम! (अनेक) आयत-संस्थान ओघ की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले हैं, योज-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, द्वापरयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन नहीं करते, कल्योज-प्रदेशों का अवगाहन करते हैं, विधान की अपेक्षा से कृतयुग्म-प्रदेशों का अवगाहन
करने वाले भी हैं यावत् कल्योज-प्रदेशों का अवगाहन करने वाले भी हैं। ७०. भन्ते! (एक) परिमण्डल-संस्थान क्या कृतयुग्म-समय की स्थिति वाला है? योज-समय की स्थिति वाला है? द्वापरयुग्म-समय की स्थिति वाला है? कल्योज-समय की स्थिति वाला है?
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