Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. २० : उ. ५ : सू. ३६
भगवती सूत्र और सर्व रूक्ष है। ७. सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध है। ८. सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष है। ९. सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध है। १०. सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व शीत और सर्व रूक्ष है। ११. सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध है। १२. सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष है। १३. सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध है। १४. सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व रूक्ष है। १५. सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध है। १६. सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व उष्ण, और सर्व रूक्ष है। ये सोलह भंग हैं। यदि पांच स्पर्श वाला है? १. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, देश स्निग्ध और देश रूक्ष है। २. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, देश स्निग्ध और देश रूक्ष (बहुवचन) हैं। ३. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, देश स्निग्ध (बहुवचन) और देश रूक्ष है। ४. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, देश स्निग्ध (बहुवचन) और देश रूक्ष (बहुवचन) हैं। ५-८. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व उष्ण, देश स्निग्ध, देश रूक्ष, ९-१२. सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व शीत, देश स्निग्ध, देश रूक्ष। १३-१६. सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व उष्ण, देश स्निग्ध, देश रूक्ष। इस प्रकार ये कर्कश से सोलह भंग हैं। १७-३२. सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व शीत, देश स्निग्ध, देश रूक्ष-इसी प्रकार मृदु से भी सोलह भंग। इस प्रकार बत्तीस भंग होते हैं। सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व स्निग्ध, देश शीत, देश उष्ण तथा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व रूक्ष, देश शीत, देश उष्ण-ये बत्तीस भंग होते हैं। सर्व कर्कश, सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, देश गुरु, देश लघु-यहां भी बत्तीस भंग होते हैं। सर्व गुरु, सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, देश कर्कश, देश मृदु-यहां भी बत्तीस भंग होते हैं। इस प्रकार पांच स्पर्श से ये सब एक सौ अठाईस भंग होते हैं। यदि छह स्पर्श वाला है? १. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, देश शीत, देश उष्ण, देश स्निग्ध और देश रूक्ष है। २. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, देश शीत, देश उष्ण, देश स्निग्ध, देश रूक्ष (बहुवचन) हैं, इस प्रकार यावत् १६. सर्व कर्कश, सर्व गुरु, देश शीत (बहुवचन), देश उष्ण (बहुवचन), देश स्निग्ध (बहुवचन) और देश रूक्ष (बहुवचन)। ये सोलह भंग हैं। सर्व कर्कश, सर्व लघु, देश शीत, देश उष्ण, देश स्निग्ध और देश रूक्ष यहां भी सोलह भंग होते हैं। सर्व मृदु, सर्व गुरु, देश शीत, देश उष्ण, देश स्निग्ध और देश रूक्ष यहां भी सोलह भंग होते हैं। सर्व मृदु, सर्व लघु, देश शीत, देश उष्ण, देश स्निग्ध और देश रूक्ष यहां भी सोलह भंग होते हैं। ये चौसठ भंग हैं। सर्व कर्कश, सर्व शीत, देश गुरु, देश लघु, देश स्निग्ध और देश रूक्ष। इस प्रकार यावत् सर्व मृदु, सर्व उष्ण, देश गुरु (बहुवचन), देश लघु (बहुवचन), देश स्निग्ध (बहुवचन) देश रूक्ष (बहुवचन) हैं यहां भी चौसठ भंग होते हैं।
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