Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. २४ : उ. १ : सू. ११-२० गौतम! हुंड-संस्थान वाले प्रज्ञप्त हैं। ६. लेश्या-द्वार १२. भन्ते! उन जीवों के कितनी लेश्याएं प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! तीन लेश्याएं प्रज्ञप्त हैं, जैसे-१. कृष्ण-लेश्या २. नील-लेश्या ३. कापोत-लेश्या । ७. दृष्टि-द्वार १३. भन्ते! वे जीव क्या सम्यग्-दृष्टि होते हैं? मिथ्या-दृष्टि होते हैं? सम्यग्-मिथ्या-दृष्टि होते हैं?
गौतम! सम्यग्-दृष्टि नहीं होते, मिथ्या-दृष्टि होते हैं, सम्यग्-मिथ्या-दृष्टि नहीं होते। ८. ज्ञान-अज्ञान-द्वार १४. भन्ते! वे जीव क्या ज्ञानी होते हैं? अज्ञानी होते हैं?
गौतम! ज्ञानी नहीं होते, अज्ञानी होते हैं, नियमतः दो अज्ञान वाले होते हैं जैसे–मति-अज्ञान, श्रुत-अज्ञान। ९. योग-द्वार १५. भन्ते! वे जीव क्या मन-योगी होते हैं? वचन-योगी होते हैं? काय-योगी होते हैं?
गौतम! मन-योगी नहीं होते, वचन-योगी भी होते हैं, काय-योगी भी होते हैं । १०. उपयोग-द्वार १६. भन्ते! वे जीव क्या साकारोपयुक्त होते हैं? अनाकारोपयुक्त होते हैं?
गौतम! साकारोपयुक्त भी होते हैं, अनाकारोपयुक्त भी होते हैं। ११. संज्ञा-द्वार १७. भन्ते! उन जीवों के कितनी संज्ञाएं प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! चार संज्ञाएं प्रज्ञप्त हैं, जैसे-आहार-संज्ञा, भय-संज्ञा, मैथुन-संज्ञा और परिग्रह-संज्ञा। १२. कषाय-द्वार १८. भन्ते! उन जीवों के कितने कषाय प्रज्ञप्त हैं? गौतम! उन जीवों के चार कषाय प्रज्ञप्त हैं, जैसे-क्रोध-कषाय, मान-कषाय, माया-कषाय
और लोभ-कषाय। १३. इन्द्रिय-द्वार १९. भन्ते! उन जीवों के कितनी इन्द्रियां प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! पांच इन्द्रियां प्रज्ञप्त हैं, जैसे-श्रोत्रेन्द्रिय यावत् स्पर्शनेन्द्रिय। (भ. २/७७) १४. समुद्घात-द्वार २०. भन्ते! उन जीवों के कितने समुद्घात प्रज्ञप्त हैं?
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