Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. १९ : उ. ८ : सू. ८१-९० आंतरायिक-कर्म-निर्वृत्ति। इस प्रकार यावत् वैमानिक की वक्तव्यता। ८२. भंते! शरीर-निर्वृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है? गौतम! शरीर-निवृत्ति पांच प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-औदारिक-शरीर-निवृत्ति यावत् कर्म
शरीर-निवृत्ति। ८३. भंते! नैरयिकों के कितने प्रकार की शरीर-निर्वृत्ति प्रज्ञप्त है? पूर्ववत्। इस प्रकार यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। इतना विशेष ज्ञातव्य है जिसमें जितने
शरीर प्राप्त हैं। ८४. भंते! सर्वेन्द्रिय-निवृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है? गौतम! सर्वेन्द्रिय-निवृत्ति पांच प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे श्रोत्रेन्द्रिय-निवृत्ति यावत् स्पर्शनेन्द्रिय-निर्वृत्ति। इसी प्रकार नैरयिकों यावत् स्तनितकुमार की वक्तव्यता। ८५. पृथ्वीकायिकों की पृच्छा। गौतम! एक स्पर्शनेन्द्रिय-निवृत्ति प्रज्ञप्त है। इस प्रकार जिसमें जितनी इन्द्रियां प्राप्त हैं, यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। ८६. भंते! भाषा-निर्वृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है?
गौतम! भाषा-निवृत्ति चार प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-सत्यभाषा-निर्वृत्ति, मृषाभाषा-निर्वृत्ति, सत्यामृषा-भाषा-निर्वृत्ति, असत्यामृषा-भाषा-निवृत्ति। इस प्रकार एकेन्द्रिय को
छोड़कर जिसमें जितनी भाषा प्राप्त हैं, यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। ८७. भंते! मन-निर्वृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है?
गौतम! मन-निर्वृत्ति चार प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-सत्य-मन-निवृत्ति यावत् असत्यामृषा-मन-निर्वृत्ति। इस प्रकार एकेन्द्रिय-विकलेन्द्रिय को छोड़कर यावत् वैमानिकों की
वक्तव्यता। ८८. भंते! कषाय-निवृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है? गौतम! कषाय-निर्वृत्ति चार प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-क्रोध-कषाय-निवृत्ति यावत् लोभ-कषाय-निवृत्ति। इस प्रकार यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। ८९. भंते! वर्ण-निर्वृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है?
गौतम! वर्ण-निर्वृत्ति पांच प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-कृष्ण-वर्ण-निवृत्ति यावत् शुक्ल-वर्ण-निर्वृत्ति। इस प्रकार निरवशेष यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। गंध-निवृत्ति दो प्रकार की है यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। रस-निर्वृत्ति पांच प्रकार की है यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। स्पर्श-निर्वृत्ति आठ प्रकार की है यावत् वैमानिकों की वक्तव्यता। ९०. भंते! संस्थान-निर्वृत्ति कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है?
गौतम! संस्थान-निवृत्ति छह प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे-समचतुरस्र-संस्थान-निर्वृत्ति यावत् हुंड-संस्थान-निर्वृत्ति।
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