Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. १९ : उ. ९,१० : सू. १०९-११२
भगवती सूत्र १०९. भंते! संस्थान-करण कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है? गौतम! पांच प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे परिमंडल-संस्थान-करण यावत् (भ. ८/३६)
आयत-संस्थान-करण। ११०. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है। यावत् विहरण करने लगे।
दसवां उद्देशक १११. भंते! सब वाणमंतर समान आहार वाले हैं? इस प्रकार सोलहवें शतक में दीपकुमार उद्देशक (भ. १६/१२५-१२८) की वक्तव्यता यावत् अल्पर्द्धिक हैं। ११२. भंते! वह ऐसा ही है। भंते! वह ऐसा ही है।
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