Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
तीसरा उद्देशक
श. १७ : उ. ३ : सू. ३७-४१
एजना- पद
३७. भंते! शैलेशी - प्रतिपन्नक अणगार सदा प्रतिक्षण एजन, क्षोभ और उदीरणा को प्राप्त होता है तथा उस उस भाव यह अर्थ संगत नहीं है । केवल एक पर प्रयोग छोड़कर ।
३८. भंते! एजना कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है ?
गौतम! पांच प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे- द्रव्य एजना, क्षेत्र - एजना, काल एजना, भव
- एजना, भाव - एजना ।
३९. भंते! द्रव्य - एजना कितने प्रकार की प्रज्ञप्त हैं ?
गौतम! चार प्रकार मनुष्य द्रव्य एजना, ४०. भंते! यह किस
है ?
व्येजन, चलन, स्पन्दन, घट्टन, परिणत होता है ?
की प्रज्ञप्त है, जैसे - नैरयिक- द्रव्य - एजना, तिर्यग्योनिक द्रव्य - एजना,
-
देव - द्रव्य एजना ।
अपेक्षा से कहा जा रहा है - नैरयिक- द्रव्य एजना नैरयिक द्रव्य - एजना
गौतम! जो नैरयिक नैरयिक- द्रव्य में वर्तन करते थे, वर्तन करते हैं, वर्तन करेंगे, उन नैरयिकों ने वहां नैरयिक द्रव्य में वर्तमान नैरयिक द्रव्यों की एजना की थी, एजना करते हैं, एजना करेंगे। इस अपेक्षा से यह कहा जा रहा है - यावत् नैरयिक- द्रव्य - एजना है।
भंते! यह किस अपेक्षा से कहा जा रहा है - तिर्यग्योनिक द्रव्य - एजना तिर्यग्योनिक द्रव्य- एजना है ?
गौतम! जो तिर्यग्योनिक तिर्यग्योनिक द्रव्य में वर्तन करते थे, वर्तन करते हैं, वर्तन करेंगे, उन तिर्यग्योनिकों ने वहां तिर्यग्योनिक द्रव्य वर्तमान तिर्यग्योनिक द्रव्यों की एजना की थी, एजना करते हैं, एजना करेंगे। इस अपेक्षा से कहा जा रहा है - यावत् तिर्यग्योनिक- द्रव्य - एजना है।
भंते! यह किस अपेक्षा से कहा जा रहा है - मनुष्य - द्रव्य एजना मनुष्य द्रव्य एजना है ? गौतम ! जो मनुष्य मनुष्य-द्रव्य में वर्तन करते थे, वर्तन करते हैं, वर्तन करेंगे, उन मनुष्यों ने वहां मनुष्य-द्रव्य में वर्तमान मनुष्य द्रव्यों की एजना की थी, एजना करते हैं, करेंगे। इस अपेक्षा से यह कहा जा रहा है - यावत् मनुष्य - द्रव्य एजना है।
एजना
- द्रव्य एजना है ?
भंते! यह किस अपेक्षा से कहा जा रहा है -देव- - द्रव्य एजना देव द्र गौतम ! जो देव देव -द्रव्य में वर्तन करते थे, वर्तन करते हैं, वर्तन करेंगे, उन देवों ने वहां देव- द्रव्य में वर्तमान देव द्रव्यों की एजना की थी, एजना करते हैं, एजना करेंगे। इस अपेक्षा से कहा जा रहा है - यावत् देव द्रव्य - एजना है।
४१. भंते! क्षेत्र - एजना कितने प्रकार की प्रज्ञप्त है ?
गौतम ! चार प्रकार की प्रज्ञप्त है, जैसे- नैरयिक क्षेत्र - एजना यावत् देव - क्षेत्र - एजना |
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