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(४) पाट पाटला एक हाथसे ग्रहन कर उठा सके, एक दो तीन च्यार पांच विश्रामा ले के अपने उपाश्रय आ सके, ऐसा पाट पाटला, वृद्ध वयधारक मुनि जो स्थिर वासकीया हो, उन्हों के आधारभूत होगा एसा जाण लावे.
(५) स्थविर महाराज स्थविर भूमि ( साठ वर्षकी आयुध्यको ) प्राप्त हुवे को कल्पै. [१] दंड-कान परिमाण दंडा, बहार आते जाने
समय चलनेमें सहायकारी. [ २ ] भंड-मर्यादासे अधिक पात्र, वृद्ध वयके कारणसे. [३] छत्र-शिरकी कमजोरी होनेसे शैत्य, गरमी नि
वारण निमित्त शिरपर कपडादिसे आच्छादन
करनेके लिये कम्बली आदि. [ ४ ] मृत्तिका भाजन-मट्टीका भाजन लघुनीत वडी ___नीत श्लेष्मादिके लीये. [५] लठ्ठी--मकानमें इधर, उधर फिरते समय टेका
रखनेके लीये. [६] भिसिंका-पूठ पीछाडी बैठते समय टेका रख
नेके लीये. [७] चेल-वस्त्र, मर्यादासे कुछ अधिक वन, वृद्ध षयके
कारणसे. [८] चलमली-आहारादि करते समय जीव रक्षा नि
मित्त पडदा बांधनेका पत्रको चलमली कहते है. [९.] चर्मखंड -पावोकी चमडी कची पड जानेसे चला न जाता हो, उस कारणसे चर्मखंड रखना पडे.