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(७४) एवं श्मशान में मुरदेको जलाया हो, उसकी राखमें मुरदेकी विश्रामकी जगहा, मुरदेकी स्थूम बनाइ हो, उस जगहा, मुरदेकी पंक्ति (कबरों, मुरदेकी छत्री बनाइ-वहांपर जाके टटी, पैसाब करे, करावे, करतेको अच्छा समझे.
(७२) कोलसे बनानेकी जगहा, साजीखारादिके स्थान, गौ, बलहादिके रोग कारणसे डाम देते हो उस स्थानमें, तुसोंका ढेर करते हो उस स्थानमें, धानके खळे बनाते हो उस स्थानमें, . टटी पैसाब करे. ३
(७६ सचित्त पाणीका कीचड हो, कर्दम हो, नीलण, फूलण हो ऐसे स्थानमें टटी पैसाब करे. ३
( ७७ ) नवी बनी गोशाला, नवी खोदी हुइ मट्टी, मट्टीकी खान, गृहस्थलोगों अपने काममें ली हो, या न भी ली हो ऐसे स्थानमें टटी पैसाब करे. ३
(७८) उंबरके वृक्षोका फल पडा हो, एवं वडवृक्ष, पीपलवृक्षोंके नीचे टटी पैसाब करे. ३ इस वृक्षोंका बीज सुक्षम और बहुत होते है.
( ७९ । इक्षु । साठा ) के क्षेत्रमें, शाल्यादि धान्यके क्षेत्रमें, कसुंबादि फूलोंके वनमें, कपासादिके स्थानमें टटी पैसाब करे. ३
(८०) मडक वनस्पति, साक व. मुलाव मालक व० खार व० बहु बीजा व० जीरा व दमणय व मरुग वनस्पतिके स्था. नोमें टटी पैसाब करे. ३
८१) अशोकवन, सीतवन, चम्पक वन, आम्रवन, अन्य भी तथा प्रकारका जहांपर बहुतसे पत्र, पुष्प, फल, बीजादि जीवोंकी विराधना होती हो, ऐसे स्थानमें टटी पैसाब करे. ३ तथा उक्त स्थानोंमे टटी पैसाब परठे, परिठावे, परिठोको अच्छा समझे.