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द्रव्य और भी सुगन्धी सुवर्णवाला द्रव्य एकवार वारवार लगावे, लेप करे. ३
(१४) ,, नवा पात्राको ग्रहन कर, शीतल पाणी, गरम पाणीसे एकवार वारवार धोवे. ३
एवं तीन सूत्र, बहुत दिन पात्रा चलेगा, उस लीये तैलादि, लोद्रवादि पाणीसे धोवेका समझना. १५-१६-१७
( १८ ) ,, सुगन्धि पात्र प्राप्त कर, उसे दुर्गन्धि करे. ३ (१९) दुर्गन्धि पात्र प्राप्त कर उसे सुगन्धि करे. ३
(२०) सुगन्धि पात्र ग्रहन कर तैल, घृत, मक्खन, चरबीसे लेप करे.
{ २१) एवं लोद्रवादि द्रव्यसे. ( २२ , शीतल पाणी. उष्ण पाणीसे धोवे. एवं तीन सूत्र दुर्गन्धि पात्र संबंधि समझना. २३-२४-२५
एवं छे सूत्र सुगन्धि, दुर्गन्धि पात्र बहुत दिन चलने के लीये भी समझना. २६-२७-२८-२९-३०-३१ भावना पूर्ववत्.
(३२),, पात्रौंको आतापमें रखना हो, तो अंतरा रहित पृथ्वीपर आतापमें रखे. ३
(३३) पृथ्वी ( रज) पर आतापमें रखे. ३ (३४) संसक्त पृथ्वीपर आतापमें रखे.
(३५) जहांपर कीडी, मंकोडा, मट्टी, पाणी, नीलण, फूलण, जीवोंका झाला हो, ऐसी पृथ्वीपर पात्रा आतापमें रखे. ३. कारणऐसे स्थानोमें जीवोंकी विराधना होती है.
(३६), घरके उंबरापर दरवाजेके मध्यभागपर, उखल, खुटा आदिपर पात्रोंको आताप लगानेको रखे. ३