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है यावत् संख्याते, मसंख्याते, आकाश प्रदेश अवगहान किये हुवे पुद्गक अनन्ते है। ___(३) इम अनादि लोकके अन्दर एक समयकी स्थिति वाले पुद्रक अनन्ते है एवं २-३-४-६-६-७-८-९-१० यावत् संख्याते समयकी स्थिति, असंख्याते समयकि स्थिति वाले पद्दल
(४) इस प्रवाह लोकके अन्दर एक गुन काले वर्ण एवं २-३ ४.५-६-७.८-९.१० यावत्संख्याते असंख्याते अनन्ते गुण काले प्रगल अनन्ते है एवं नीलेवर्ण रक्तवर्ण पीतवर्ण श्वेतवर्ण सुगंध दुर्गन्ध तीक्तरस कटुकरस कषायरस अबीलरस मधुरस कर्कशपर्श मृदू, गुरु रघु, शीत, उष्ण, रूक्ष, स्निग्ध यह वीसबोलोंके एक गुनसे अनंत गुणतकके पुद्गल अनंते अनन्ते है।
द्रव्यापेक्षा, क्षेत्रापेक्षा, कालापेक्षा, भावापेक्षा, इसी च्यारोंके द्रव्य और प्रदेशापेक्षा अल्पाबहुत्व कहते है।
(१) द्रव्यापेक्षा अल्पा० (१) दो प्रदेशी स्कंध द्रव्पसे परमाणुवोंके द्रव्य बहुत है (२) तीन प्रदेशी कंध द्रव्यसे दो प्रदेशीके राय बहुत है (३) च्यार ,, ,, तीन प्र०स्कं० द्रव्य , (४) पांच , " च्यार ", " " (५) छे , ,पाँच " " " (६) पात , छे , , , , (७) आठ , , सात " " " (4) नो
आठ ," " "