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अद्धा कालके दश पञ्चखाण = यथा
(१) नमुकारसी, सूर्य उदय होनेसे ४८ मिन्ट जिस्मे आगार दोय नम्बर १-२
(2) नमुकारसी मुठसी = नमुकारसीसे अधिक जितना काळ प्रत्याख्यान रहे अर्थात् प्रत्याख्यान पारनेके लिये मुठी न वाले वहांतक | इस्मे आगार च्यार होते है नम्बर १-१-१-४
(३) पौरखी साठ पौरवी = दिनका भागकी पौरखी कि साठ पौरखी इस्मे आगार नम्बर १-१-३-४-९-६-७ (४) पुरमंड = दिन भाग इस्मे आगार पौरषीवत
(५) एकासनानारसी, पौरषो, पुरीमंडसे होते है जिसमे आगार सात पौरषीवत् विगइके प्रत्याख्यानमें आगार नम्बर ८९-१०-११-१२ एकासना के आगार नं० १३-१४-१५
(६) आयंबिल = नमुकारसी पौरषीसे होते है आगार ७ पौरषोबत ५ विगइवत १३ एकासनावत् कुल १५ आगार होते है ।
(७) निर्विगई - छे विगई वर्जना आगार पूर्ववत
(८) एकलठाणा - एकासनावत् परन्तु जहांपर भोजन किये है वहां पर पाणी भी पीलाया दुसरी दफे आहार पाणी नहीं कर सक्के है ।
(९) अभिग्रह प्रत्याख्यान - विविध प्रकारके अभिग्रह किये जाते है जिसमे सागार हो तो १-२-३-४ नम्बरके और मना