Book Title: Shighra Bodh Part 21 To 25 Author(s): Gyansundar Publisher: Sukhsagar Gyan Pracharak Sabha View full book textPage 417
________________ (६२) अल्गा बहुत्व (१) स्तोक जीव कामी .. (२) नो कामी नो भोगी जीव मनन्त गुण कारण भव केवली और सिद्ध केवली यह नो कामी नो भोगी है। (३) भोगी जीव अनन्त गुणा इस्में एकेन्द्रिय जीव सेमल है। सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् । PERH समाप्तPage Navigation
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