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एवं मिश्गद्रष्टी जीवोंका लेश्या संयुक्त च्यार उदेशा एवं कृष्णा पक्षी जीवोंका लेश्या संयुक्त च्यार उदेशा । एवं शुक्ल पक्षी बीवोंका लेश्या संयुक्त च्यार उदेशा । एवं सर्व मोलानेसे २८ उदेशा होते है। इति
सेवं भंते सेव भंते तमेव सच्चम् ।
थोकडा नम्बर ९ सूत्र श्री भगवतीजी शतक ३२ वां
( उदेशा अठावीस ) खुलक युम्मा च्यार प्रकारके है। कट्युम्मा, तेउगायुम्मा दावर युम्मा, कल उगा युम्मा परिमाण संज्ञा पूर्ववत् ।
(प्र) खुलक युम्मा नारकि अन्तरे रहित निकलके कितने स्थानों में उत्पन्न होते है ? (उ) पांच संज्ञो तीर्यच और एक संख्याते वर्षवाळे कर्मभूमि मनुष्यमें उत्पन्न होते हैं । परिमाण एक समय ४-८-१२-१६ यावत संख्याते असंख्याते निकलते है। अध्यक सायके निमत योगोंका कारण पूर्ववत् । स्वकर्म ऋद्धि और प्रयोगसे निकलते है । एवं शार्कराप्रपा वालुकापमा पङ्कपमा धूम प्रमा तमप्रमा समझना इस छे ओ नरकके मिकले हुवे जीव पूर्वी छे छे स्यानमें जाते है और सातवी नरकसे निकले हुवे मनुष्य नहीं होते है केवल पांच प्रकारके तीर्थत्रमें ही उत्पन्न होते है शेष अधिकार पूर्ववत समझना ।
एवं तेउगा दार युम्मा कलउगा परिमाण पूर्ववत कहने शतक ३१ वा माफीक ।