________________
( २५ )
- रत्नप्रभा शार्करप्रभा वालुकाप्रभा पङ्कप्रभा धूमप्रभा तमप्रभा समतमाप्रभा इस सातों नरक में उत्पन्न होनेवाला जीव भिन्न भिन्न स्थानोंसे याते हैं वास्ते पेस्तर सबके भगति स्थान लिख देना उचित होगा क्युकि आगे बहुत सुगम हो जायगा ।
(१) रत्नप्रभा नरककि आगति पांच संज्ञी तीच पांच असंज्ञी तीर्थच, एक संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य एवं ११ स्थान से आ - के रत्नप्रभा नरकमें उत्पन्न होता है ।
(२) शार्कर प्रभांकि आगति पांच संज्ञी तीयंच और संख्याते वर्षका कर्मभूमि मनुष्य एवं छे स्थान से आवे । (३) वालुकाप्रभाकि आगति पांच स्थानकि मुजपुर वर्जेके । (४) पंकप्रमाकि आगति खेचर वर्नके च्यार स्थानकि । (५) धूमप्रभाकि आगति थलचर वर्जके तीनस्थानकि । (६) तमप्रमाक यागति उरपुरी बर्जेके दोय स्थानकि ।
(७) तमतमा प्रभाकि आगति दोयकि परन्तु स्त्रि नहीं आवे । रत्न प्रभा नरककि १९ स्थानकि आगति है जिसमे पांच असंज्ञी तीर्थच आते है वह पूर्व २० द्वारसे कितनी कितनि ऋद्धि लेके आते है ।
•
(१) उत्पात = असंज्ञी तीर्थचसे ।
(२) परिमाण - एक समय में १ - २ - ३ यावत् संख्याते ।
(३) संहनन = एक छेवटा संहननवाला तीर्थंच ।
१ जलचर स्थलचर खेचर उरपुरी भुजपुरी ।