________________
(५) ममें ,
उ०१५ सा. ३ प्रत्ये. (६) गमें , , ०६९ मा० ३ कोत. (७) गमें कोउपर्व ३३ सा० उ०६६ सा० ३ कोड. (८) गमें , , उ०११ सा० ३ प्रत्ये. (९) गर्भ , उ०६६ सा० ३ कोडपूर्व
एवं विजयन्त, जगन्त, अपराजित, सर्वार्थ सिद्ध बैमानके अंदर संख्याते वर्षवाला संज्ञो मनुष्योत्पन्न होते है वह न० उ० तेतीस सागरोपमकि स्थितिमें उत्पन्न होते है। ऋद्धि स्व उपयोगसे समझना। गमा ३ तीजा छटा नौवा ।
(१) तीजे गमे मा तीन करे काल न. ३३ सागरोपम दोय प्रत्यक वर्ष अधिक उ० ३३ सा० २ कोडपूर्व। . ____ (२) छठे गौ मा तीन-काल ३३ सा० दोय प्रत्येक वर्ष उ० ३३ सा० दोय प्रत्येक वर्ष अधिक। ..
(३) नौवा गमें मव तीन काल ज० उ० ३३ सागरोपम दोय कोडपूर्वाधिक। - अबगाहाना तोजे छठे गमें ज० प्रत्येक हायकि नौवां गमें ज० उ० पांचसो धनुष्यकि । स्थिति न० उ० कोडपूर्वकि इति २४-२४ ___ इस गमा शतकमें बहुतसे स्थानपर पूर्वकि मोलामण देते हुवे गमा नहीं लिखा है इसका कारण प्रथम तो हमारा इरादाही कण्ठस्थ करानेका है अगर सरूयातसे कंठस्थ करेंगे उन्हों के लिये सके सब गमा कण्ठस्थ ही हो जायगा।