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एवं कुल ८४ गमा तुटे वह पूर्वलोंके साथ मीला देनेसे सर्व सीलके २८०५-८४-२८८९ गमा हवे इति । . २८८९, गमा हुवे है इसपर जो दुसरेद्वारमें ऋद्धिरे बीसद्वार प्रत्यक बोलमें लगानेसे कीस कीस बोलमें तरतमता रहेती है उस्कों शास्त्रकारोंने ' नाणन्त कहा है।
(८) नाणन्ताद्वार-सामान्य प्रकारे एक जीव मरके कीसी भी स्थानमें जाता है उसके नौ गमा होता है जब प्रथम गमा पर दुसरेद्वारके वीसद्वारोंकि ऋद्धि लगाई जाती है.शेष आठ गंमा रहेते है, तो प्रथम गमाकी ऋद्धिमें और शेष आठ गमामें क्या तरतम है वह इस नाणन्ता द्वारसे वतलावेगा। . (१) असंज्ञी तीर्थच मरके बारह स्थानमें जाता है जिसमें नाणन्ता पांच पांच है मधन्य गया तीन नाणन्ता तीनतीन (१) आयुष्य अन्तर महुर्त (२) अनुबन्ध अन्तर महुर्त (३) अध्यवशाय अप्रसस्थ, उत्कृष्ट गमा तीन नाणन्ता दो दो (१) आयुष्य पूर्व कोडका (२) अनुबन्ध पूर्वकोडका एवं बारह स्थानमें पांच पांच नाणन्ता होनेसे सब ६० नाणन्ता हुवा । ___ (२) संज्ञो तीर्यच मरके २७ स्थानमें जाता है नाणता दश दश है । जघन्य गमा तीन नाणन्ता आठ आठ (१) अवगाहाना न० अंगुलके असंख्यातमें लाग उ० प्रत्यक धनुष्य (२) लेश्या नरकमें जानेवालों में तीन तथा देवलोंकमें जानेवालोमें च्यार तथा पांच (३) दृष्टी एक मिथ्यात्वकि (४) ज्ञानन ही किंतु अज्ञान दोय (५) योग एक कायाका (६) आयुष्य अन्तर महुर्तका