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[१] उपदेश दीये हुवे पासमें है, किन्तु वाचना दीया यह
पासमें नहीं है. [२] वाचनावाला पासमें है, किन्तु उपदेशवाला पासमें
नहीं है. [३] दोनों पासमें है. [४] दोनों पासमें नहीं है. भावार्थ-पुर्ववत्.
एवं च्यार सूत्र धर्माचार्य और धर्म अन्तवासी के है. लघु दीक्षा, वडीदीक्षा उपदेश और वाचनाकी भावना पुर्ववत् एवं १८ सूत्र. (१९) स्थविर महाराजकी तीन भूमिका होती है[१] जाति स्थविर. [२] दीक्षा स्थविर. [३] सूत्र स्थविर.
जिसमें साठ वर्षकी आयुष्यवाला जातिस्थविर है, वीश वर्ष दीक्षावाला दीक्षा स्थविर है और स्थानांग तथा समयायांग सूत्र-अर्थके जानकार सूत्र स्थविर है. (२०) शिष्यकी तीन भूमिका है
[१] जघन्य-दीक्षा देने के बाद सात दिनके बाद वडी दीक्षा दी जावे.
[२] मध्यम दीक्षा देने के बाद च्यार मास होनेपर वडी दीक्षा दी जावे.
[३] उत्कृष्ट छे मास होने पर बडी दीक्षा दी जावे. भावार्थ-लघु दीक्षा देने के बाद पिंडेषणा नामका अध्य