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[१०] चर्मकोश -- गुह्य स्थान में विशेष रोग होने पर काममें लाया जाता है.
[ ११ ] चर्म अंगुठी - वस्त्रादि सीवे उस समय अंगुली आदिमें रखने के लीये.
चर्मका उपकरण विशेष कारणसे रखा जाता है. अगर गौचपाणी निमित्त गृहस्थोंके वहां जाना पडता है. उस समय: आपके साथ ले जानेके सिवाय उपकरण किसी गृहस्थोंके वहां रखे तथा उन्होंको सुप्रत करके भिक्षाको जावे, पीछे आनेपर उस गृहस्थोंकी रजा ले कर, उस उपकरणोंको अपने उपभोग में लेवे, जिनसे गृहस्थोंकी खातरी रहै कि यह उपकरण मुनि ही लीया है.
( ६ ) जिस मकान में साधु ठेरे है. उस मकानका नाम लेके गृहस्थोंके वहांसे पाटपाटले लाया हो, फिर दुसरे मकान में जानेका प्रयोजन हो, तो गृहस्थोंकी आज्ञा विगर वह पाटपाटले दूसरे मकान में ले जाना नहीं कल्पै.
(७) अगर कारण हो, तो गृहस्थोंकी आज्ञासे ले जा सक्ते है. कारण- गृहस्थोंके आपस में केइ प्रकारके टंटे फिसाद होते है. वास्ते विगर पूछे ले जानेपर घरका धणी कहे कि - हमारे पाटपाटले उस दुसरे मकान में आप क्यों ले गये ? तथा उन्होंके पाटपाटले हमारे मकान में क्यों लाये ? इत्यादि.
(८) जहांपर साधु ठेरे हो, वहांपर शय्यातरका पाटपाटले आज्ञा से लिया हो, फिर विहार करनेके कारणसे उन्होंको सुप्रत कर दीया, बाद में किसी लाभालाभके कारणसे वहां रहना पडे, तो दुसरी दफे आज्ञा लीया विगर वह पाटपाटले वापरना नहीं कल्पै.