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चसागर ५७]
५७ चर्चा सत्तावनवीं
प्रश्न--- भरत महाराजके एक करोड़ यालियाँ सुनी जाती हैं सो के किस प्रकार हैं ?
समाधान - एक करोड़ थालियों नहीं हैं किन्तु एक करोड़ दाल चावल आदि बनानेके बर्तन है । आदिपुराण में जो इनको कहनेवाला श्लोक है उसमें स्थाली शब्द है सो स्थाली शब्दका अर्थ बटलोई अथवा हंडी होता है । इसका अर्थ यह है कि भात पकानेके बर्तन एक करोड़ थे। सो ही आदिपुराण पर्व ३७ में लिखा है ।
स्थालीनां कोटिरेकोक्ता रंधने या नियोजिताः ।
चक्रीस्थालीविलीयानां तंडुलानां महानसे ॥ ६७ ॥
इससे सिद्ध होता है कि एक करोड़ थालियाँ नहीं थीं किन्तु एक करोड़ भात पकानेके हंडे थे । ५८-चर्चा अट्ठावनवी
प्रश्न -- स्नानके कौन-कौन भेव हैं ?
समाधान -- स्नान के पांच भेद हैं- पादस्नान ( पैर धोना ) जानुस्नान ( घुटनेसे नीचेका भाग घोना ) कटिस्नान ( कमर से नीचेका भाग धोना ) ग्रीवास्नान ( गलेसे नीचेका भाग धोना ) शिरस्नान ( मस्तकसे स्नान करना) इन पाँच स्नानोंमेंसे जैसा वोष हो वैसा हो स्नान करना चाहिये। सो हो त्रिवर्णाचारमें लिखा है। पादजानुकटिग्रीवाशिरःपर्यंत संश्रयम् । स्नान पंचविधं ज्ञेयं यथा दोषं शरीरिणाम् ॥
इस प्रकार पाँच प्रकारका स्नान जानना ।
५६ - चर्चा उनसठवीं
प्रश्न -- इस अवसर्पिणी कालमें मनुष्योंकी आयु घटती जाती है सो किस प्रकार घटती है ?
समाधान - - श्रीमहावीर स्वामीके मुक्त होते समय मनुष्योंकी उत्कृष्ट आयु एक सौ बीस वर्षकी थी । इसमेंसे एक-एक हजार वर्ष पीछे पांच-पांच वर्ष की घटती होती जाती है सो हो सिद्धांतसार में लिखा हैवत्साराणां सहस्रेषु गतेषु म्यूनतां व्रजेत् । पंचवर्षाणि शतं चार्ज वेदितव्यं जिनागमे ॥
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