Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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तालिका ईशानेन्द्र - पद
शक्रेशान-पद
१०५
१११
११३
११४
११४
११४
११४
११६
चमर का पूर्वभव में पूरण गृहपति का पद ११६
पूरण की दानामा प्रव्रज्या का पद
११७
पूरण का प्रायोगपगमन - पद
११८
भगवान की एकरात्रिकी महाप्रतिमा
का पद
सनत्कुमार- पद
संग्रहणी गाथा
दूसरा उद्देश
चमर का भगवान को वन्दन-पद
असुरकुमार-वर्णक-पद
चमर का ऊर्ध्व - उत्पाद-पद
पूरण का चमरत्व - पद चमर का कोप - पद
चमर का भगवान की निश्रापूर्वक
शक्र की आशातना का पद
शक्रेन्द्र द्वारा वज्र-प्रक्षेप-पद चमर द्वारा भगवान् की शरण का पद
शक्र का वज्र - प्रतिसंहरण - पद
शक्र, चमर और वज्र का गति
-विषयक पद
चमर की चिन्ता का पद
असुरकुमारों का ऊर्ध्वलोक में जाने का
हेतु पद
तीसरा उद्देशक
( LXI)
क्रिया-पद
क्रिया - वेदना-पद
अन्तक्रिया-पद
प्रमत्त और अप्रमत्त के काल का पद लवणसमुद्र-वृद्धि-हानि - पद
चौथा उद्देशक
भावितात्म-पद
बलाहक पद
किंलेश्योपपाद-पद
११८
११८
११९
१२०
१२१
१२१
१२२
१२३
१२५
१२६
१२६
१२६
१२७
१२७
१२९
१३०
१३०
१३०
१३२
१३३
पांचवां उद्देशक
भावितात्म-विकुर्वणा-पद भावितात्म- अभियोजना - पद
छठा उद्देश भावितात्म-विक्रिया-पद
आत्मरक्षक पद
सातवां उद्देशक
लोकपाल पद
सोम-पद
यम पद
संग्रहणी गाथा
वरुण पद
वैश्रवण-पद
आठवां उद्देशक
संग्रहणी गाथा
नवां उद्देशक
दसवां उद्देश
चौथा शतक (पृ. १४७, १४८)
पहला, दूसरा, तीसरा और चौथा
उद्देशक
संग्रहणी गाथा
संग्रहणी गाथा
पांचवां, छट्ठा, सातवां और आठवां
उद्देश
नवउद्देश
१३४
१३४
१३६
१३७
१३७
१४०
१४०
१४०
१४१
१४२
१४३
१४३
१४३
१४४
१४५
१४६
१४६
का पद
जम्बूद्वीप में अनादि की वक्तव्यता
का पद
१४७
१४७
१४७
१४७
१४८
१४८
१४८
दसवां उद्देशक
संग्रहणी गाथा
पांचवा शतक (पृ. १४९-१९०)
पहला उद्देश
संग्रहणी गाथा
जम्बूद्वीप में सूर्य की व्यक्तव्यता का पद
जम्बूद्वीप में दिवस-रात्र की वक्तव्यता
१४९
१४९
१४९
१४९
१५२