Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. ८ : उ. २ : सू. २०५-२१२
भगवती सूत्र ज्ञानी का अल्पबहुत्व-पद २०५. भंते! इन आभिनिबोधिक-ज्ञानी, श्रुत-ज्ञानी, अवधि-ज्ञानी, मनःपर्यव-ज्ञानी, केवल-ज्ञानी जीवों में कौन किससे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गौतम! मनःपर्यव-ज्ञानी जीव सबसे अल्प, अवधि-ज्ञानी उनसे असंख्येय-गुण-अधिक, आभिनिबोधिक-ज्ञानी और श्रुत-ज्ञानी दोनों परस्पर तुल्य किंतु अवधि-ज्ञानी से विशेषाधिक, केवल-ज्ञानी उनसे अनन्त-गुण हैं। २०६. भंते! इन मति-अज्ञानी, श्रुत-अज्ञानी विभंग-ज्ञानी जीवों में कौन किससे अल्प, बहु,
तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गौतम! विभंग-ज्ञानी जीव सबसे अल्प हैं। मति-अज्ञानी और श्रुत-अज्ञानी दोनों परस्पर तुल्य किंतु विभंग-ज्ञानी से अनन्त-गुण हैं। २०७. भंते! इन आभिनिबोधिक-ज्ञानी, श्रुत-ज्ञानी, अवधि-ज्ञानी, मनःपर्यव-ज्ञानी, केवल-ज्ञानी, मति-अज्ञानी, श्रुत-अज्ञानी, विभंग-ज्ञानी जीवों में कौन किससे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गौतम! मनःपर्यव-ज्ञानी जीव सबसे अल्प, अवधि-ज्ञानी उनसे असंख्येय-गुण अधिक,
आभिनिबोधिक-ज्ञानी और श्रुत-ज्ञानी दोनों परस्पर तुल्य किंतु अवधि-ज्ञानी से विशेषाधिक, विभंग-ज्ञानी उनसे असंख्येय-गुण अधिक, केवल-ज्ञानी अनन्त-गुण, मति-अज्ञानी और
श्रुत-अज्ञानी दोनों परस्पर तुल्य किंतु उनसे अनन्त-गुण हैं। ज्ञान-पर्यव-पद २०८. भंते! आभिनिबोधिक-ज्ञान के पर्यव कितने प्रज्ञप्त हैं? __गौतम! आभिनिबोधिक-ज्ञान के पर्यव अनन्त प्रज्ञप्त हैं। २०९. भंते! श्रुत-ज्ञान के पर्यव कितने प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! श्रुत-ज्ञान के पर्यव अनन्त प्रज्ञप्त हैं। २१०. इसी प्रकार अवधि-ज्ञान, मनःपर्यव-ज्ञान, केवल-ज्ञान तथा मति-अज्ञान और श्रुत
-अज्ञान के पर्यव भी अनन्त प्रज्ञप्त हैं। २११. भंते! विभंग-ज्ञान के पर्यव कितने प्रज्ञप्त हैं?
गौतम! विभंग-ज्ञान के पर्यव अनन्त प्रज्ञप्त हैं। ज्ञान-पर्यवों का अल्पबहुत्व-पद २१२. भंते! इन आभिनिबोधिक-ज्ञान, श्रुत-ज्ञान, अवधि-ज्ञान, मनःपर्यव-ज्ञान और केवल-ज्ञान के पर्यवों में कौन किससे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक है? गौतम! मनःपर्यव-ज्ञान के पर्यव सबसे अल्प हैं। अवधि-ज्ञान के पर्यव उससे अनंत-गुण हैं। श्रुत-ज्ञान के पर्यव उससे अनंत-गुण, आभिनिबोधिक-ज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण, केवल-ज्ञान के पर्यव उनसे अनन्त-गुण हैं।
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