Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. ८ : उ. १० : सू. ४६३-४७०
४६३. भंते! मध्यम चरित्राराधना की आराधना कर जीव कितने भवों में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है ?
गौतम ! कोई जीव दूसरे भव में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है, तीसरे भव का अतिक्रमण नहीं करता ।
४६४. भंते! जघन्य ज्ञानाराधना की आराधना कर जीव कितने भवों में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है ?
गौतम ! कोई जीव तीसरे भव में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है, सात- आठ भव का अतिक्रमण नहीं करता ।
४६५. भंते! जघन्य दर्शनाराधना की आराधना कर जीव कितने भवों में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है ?
गौतम! कोई जीव तीसरे भव में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है, सात-आठ भव का अतिक्रमण नहीं करता ।
४६६. भंते! जघन्य चरित्राराधना की आराधना कर जीव कितने भवों में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है ?
गौतम! कोई जीव तीसरे भव में सिद्ध होता है यावत् सब दुःखों का अंत करता है, सात-आठ भव का अतिक्रमण नहीं करता ।
पुद्गल - -परिणाम पद
४६७. भंते! पुद्गल का परिणाम कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है ?
गौतम ! पुद्गल - परिणाम पांच प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे - वर्ण परिणाम, गंध- परिणाम, रस- परिणाम, स्पर्श - परिणाम, संस्थान - परिणाम ।
४६८. भंते! वर्ण-परिणाम कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है ?
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गौतम ! पांच प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे- काल - वर्ण परिणाम यावत् शुक्ल वर्ण परिणाम । इस प्रकार इस अभिलाप के अनुसार गंध- परिणाम दो प्रकार का, रस- परिणाम पांच प्रकार का और स्पर्श - परिणाम आठ प्रकार का प्रज्ञप्त है ।
४६९. भंते! संस्थान - परिणाम कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है ?
गौतम ! पांच प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे- परिमंडल संस्थान - परिणाम यावत् आयत-संस्थान- परिणाम ।
पुद्गल - प्रदेश का द्रव्यादि-भंग - पद
४७०. भंते! पुद्गलास्तिकाय का एक प्रदेश क्या १. द्रव्य है ? २. द्रव्य देश है ? ३. अनेक द्रव्य हैं ? ४. अनेक द्रव्य देश हैं ? ५. अथवा द्रव्य और द्रव्य देश है ? ६. अथवा द्रव्य और अनेक द्रव्य देश हैं ? ७. अथवा अनेक द्रव्य और द्रव्य देश हैं ? ८. अथवा अनेक द्रव्य और अनेक द्रव्य देश हैं ?
गौतम ! १. वह स्यात् द्रव्य है । २. स्यात् द्रव्य देश है ३. अनेक द्रव्य नहीं हैं ४. अनेक
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