Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. ११ : उ. १ : सू. १७-२७ गौतम! उन जीवों के शरीर पांच वर्ण,पांच रस, दो गन्ध और आठ स्पर्श वाले प्रज्ञप्त हैं। वे जीव अपने स्वरूप से वर्ण-, गंध-, रस- और स्पर्श-रहित प्रज्ञप्त हैं। १८. भंते! वे जीव उच्छ्वास लेने वाले हैं? निःश्वास लेने वाले हैं ? उच्छ्वास-निःश्वास नहीं
लेने वाले हैं? गौतम! १. उच्छ्वास लेने वाला भी है २. निःश्वास लेने वाला भी है ३. उच्छ्वास-निःश्वास नहीं लेने वाला भी है ४. उच्छ्वास लेने वाले भी हैं ५. निःश्वास लेने वाले भी हैं ६. उच्छ्वास-निःश्वास नहीं लेने वाले भी हैं १-४. अथवा उच्छ्वास लेने वाला है और निःश्वास लेने वाला है १-४. अथवा उच्छ्वास लेने वाला है और उच्छ्वास-निःश्वास नहीं लेने वाला है १-४. निःश्वास लेने वाला है और उच्छ्वास-निःश्वास नहीं लेने वाला है १-८. अथवा उच्छ्वास लेने वाला है, निःश्वास लेने वाला है और उच्छ्वास-निःश्वास नहीं लेने वाला है ये आठ भंग हैं। इस प्रकार छब्बीस भंग होते हैं। १९. भंते! वे जीव आहारक हैं ? अनाहारक है?
गौतम! आहारक भी है, अनाहारक भी है-इस प्रकार आठ भंग होते हैं। २०.भंते! वे जीव विरत हैं? अविरत हैं? विरताविरत हैं?
गौतम! विरत नहीं हैं, विरताविरत नहीं हैं, अविरत है अथवा अविरत हैं। २१. भंते! वे जीव क्रिया-सहित हैं? क्रिया-रहित हैं?
गौतम! क्रिया-रहित नहीं हैं, क्रिया-सहित है अथवा क्रिया-सहित हैं। २२. भंते वे जीव सप्तविध-बंधक हैं? अष्टविध-बंधक हैं? __ गौतम! सप्तविध-बंधक भी है, अष्टविध-बंधक भी है-इस प्रकार आठ भंग होते हैं। २३. भंते! वे जीव आहार-संज्ञा से उपयुक्त हैं? भय-संज्ञा से उपयुक्त हैं? मैथुन-संज्ञा से उपयुक्त हैं? परिग्रह-संज्ञा से उपयुक्त हैं?
गौतम! आहार-संज्ञा से उपयुक्त हैं- अस्सी भंग होते हैं। २४. भंते! क्या वे जीव क्रोध-कषाय वाले हैं ? मान-कषाय वाले हैं? माया-कषाय वाले हैं? लोभ-कषाय वाले हैं?
अस्सी भंग होते हैं। २५. भंते! वे जीव क्या स्त्री-वेद वाले हैं? पुरुष-वेद वाले हैं? नपुंसक-वेद वाले हैं? गौतम! स्त्री-वेद वाले नहीं हैं, पुरुष-वेद वाले नहीं हैं, नपुंसक-वेद वाला है अथवा नपुंसकवेद वाले हैं। २६. भंते! क्या वे जीव स्त्री-वेद-बंधक हैं? पुरुष-वेद-बंधक हैं ? नपुंसक-वेद- बंधक हैं?
गौतम! स्त्री-वेद-बंधक भी है, पुरुष-वेद-बंधक भी है, नपुंसक-वेद-बंधक भी है-छब्बीस भंग होते हैं। २७. भंते! वे जीव संज्ञी (समनस्क) हैं? असंज्ञी (अमनस्क) हैं?
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