Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
भगवती सूत्र
श. ९ : उ. ३२ : सू. ९१,९२
एक धमूप्रभा में होता ह । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एकतमा में होता है। अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमा में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक शर्कराप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक तमा में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमा में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा एक वालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में, और एक अधः सप्तमी में होता है। अथवा एक रत्नप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमा में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक रत्नप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है, अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में और एक धूमप्रभा में होता है। इस प्रकार जैसे रत्नप्रभा से ऊर्ध्ववर्ती पृथ्वियों के साथ विकल्पना की है, वैसे ही शर्कराप्रभा के साथ ऊर्ध्ववर्ती पृथ्वियों की विकल्पना करनी चाहिए यावत् अथवा एक शर्कराप्रभा में, एक धूमप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक तमा में होता है, अथवा एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता
। अथवा एक वालुकाप्रभा में, एक पंकप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक वालुकाप्रभा में, एक धूमप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक पंकप्रभा में, एक धूमप्रभा में, एक तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है । ९२. भंते! क्या पांच नैरयिक नैरयिक- प्रवेशनक में प्रवेश करते हुए रत्नप्रभा में होते हैं ? पृच्छा । गांगेय ! रत्नप्रभा में होते हैं यावत् अथवा अधः सप्तमी में होते हैं।
अथवा एक रत्नप्रभा में और चार शर्कराप्रभा में होते हैं यावत् अथवा एक रत्नप्रभा में और चार अधः सप्तमी में होते हैं । अथवा दो रत्नप्रभा में और तीन शर्कराप्रभा में होते है। इस प्रकार यावत् अथवा दो रत्नप्रभा में और तीन अधः सप्तमी में होते हैं। अथवा तीन रत्नप्रभा में और दो शर्कराप्रभा में होते हैं। इस प्रकार यावत् तीन रत्नप्रभा में और दो अधः सप्तमी में हो हैं । अथवा चार रत्नप्रभा में और एक शर्कराप्रभा में होता है। इस प्रकार यावत् अथवा चार रत्नप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । अथवा एक शर्कराप्रभा में और चार वालुकाप्रभा में होते हैं। इस प्रकार जैसे रत्नप्रभा से ऊर्ध्ववर्ती पृथ्वियों साथ विकल्पना की गई है, वैसे ही शर्कराप्रभा से ऊर्ध्ववर्ती पृथ्वियों के साथ विकल्पना करनी चाहिए यावत् अथवा चार शर्कराप्रभा में और एक अधः सप्तमी में होता है । इस प्रकार प्रत्येक ऊर्ध्ववर्ती पृथ्वियों के साथ यह विकल्पना करनी चाहिए यावत् अथवा चार तमा में और एक अधः सप्तमी में होता है ।
३५०