Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श.. . २२ : सू. १०६.११३ गांगेय ! पंचेन्द्रिय में प्रवेश करने वाले तिर्यग्योनिक सबसे अलग है, चतुरिन्द्रिय में प्रवेश करने वाले तिर्यग्योनिक जसे विशेषाधिक हैं, त्रीन्द्रिय में प्रवेश करने वाले तिर्यग्योनिक उनसे विशेषाधिक हैं, तीन्दिर में प्रवेश करने वाले तिर्यग्योनिक उनसे विशेषाधिक हैं, एकेन्द्रिय में प्रवेश करने वाले तिायोनिक उनसे विशेषाधिक हैं। १०७. भंते ! मनुष्य प्रवेशनक कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है ? गांगेय! दो प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे- सम्मूर्च्छिम-मनुष्य-प्रवेशनक, गर्भावक्रांतिक मनुष्य
-प्रवेशनक। १०८. भंते! एक मनुष्य मनुष्य-प्रवेशनक में प्रवेश करते हुए क्या सम्मूर्च्छिम-मनुष्यों में होता है? गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होता है? गांगेय! समूर्छिम-मनुष्यों में होता है अथवा गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होता है। १०९. भंते! दो मनुष्य-पृच्छा। गांगेय! सम्मूर्छि -मनुष्यों में होते हैं अथवा गर्भावक्रांतिक मनुष्यों में होते हैं। अथवा एक सम्मूर्छिम-मनुष्यों में और एक गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होता है। इस प्रकार इस क्रम से जैसे नैरयिक-प्रवेशनक वैसे ही मनुष्य-प्रवेशनक वक्तव्य है यावत् दश। ११०. भंते! संख्येय मनुष्य-पृच्छा। गांगेय! सम्मूर्छिम-मनुष्यों में होते हैं अथवा गर्भावक्रांतिक मनुष्यों में होते हैं। अथवा एक सम्मूर्छिम-मनुष्यों में और संख्येय गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होते हैं, अथवा दो सम्मूर्छिम-मनुष्यों में और संख्येय गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होते हैं। इस प्रकार एक-एक की वृद्धि करने पर यावत् अथवा संख्येय सम्मूर्छिम-मनुष्यों में और संख्येय गर्भावक्रान्तिक-मनुष्यों में होते हैं। १११. भंते! असंख्येय मनुष्य पृच्छा।
गांगेय ! सब सम्मूर्छिन-मनुष्यों में होते हैं। अथवा असंख्येय सम्मूर्च्छिम-मनुष्यों में और एक गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होता है। अथवा असंख्येय सम्मूर्च्छिम- मनुष्यों में और दो गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होते हैं। इस प्रकार यावत् असंख्येय सम्मूर्च्छिम-मनुष्यों में और
संख्येय गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होते हैं। ११२. भंते! उत्कृष्ट मनुष्य-पृच्छा।
गांगेय! सब सम्मूर्छिम-मनुष्यों में होते हैं। अथवा सम्मूर्छिम-मनुष्यों में और गर्भावक्रांतिक-मनुष्यों में होते हैं। ११३. भंते! इन सम्मूर्छिम में प्रवेश करने वाले और गर्भावक्रांतिक में प्रवेश करने वाले मनुष्यों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गांगेय! गर्भावक्रांतिक में प्रवेश करने वाले मनुष्य सबसे अल्प हैं। सम्मूर्छिम में प्रवेश करने वाले उनसे असंख्येय-गुण हैं।
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