Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
श. ८ : उ. ९ : सू. ४३९-४४४
वह आहारक-शरोर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बन्धक नहीं है, अबन्धक है। वह तैजस-शरीर का बंधक है?अबंधक है? गौतम! बंधक है, अबन्धक नहीं है। यदि बंधक है तो क्या देश-बन्धक है? सर्व-बंधक है? गौतम! देश-बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है। वह कर्म-शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बंधक है अबंधक नहीं है। यदि बंधक है तो क्या देश-बंधक है? सर्व-बंधक है? गौतम! देश-बंधक है, सर्व बंधक नहीं है। ४४०. भंते! जिसके औदारिक-शरीर का देश-बन्ध है, भंते! क्या वह वैक्रिय- शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम ! बंधक नहीं है, अबन्धक है। इस प्रकार जैसे सर्व-बंध की वक्तव्यता वैसे ही देश-बंध की वक्तव्यता यावत् कर्म-शरीर-देश-बंधक है, सर्व-बन्धक नहीं है। ४४१. भंते! जिसके वैक्रिय-शरीर का सर्व-बंध है भंते! क्या वह औदारिक-शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बंधक नहीं है, अबंधक है। इसी प्रकार आहारक-शरीर की वक्तव्यता। तैजस और कर्म शरीर की औदारिक-शरीर के साथ जो वक्तव्यता है, वही यहां वक्तव्य है यावत् कर्म-शरीर-देश-बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है। ४४२. भंते! जिसके वैक्रिय-शरीर का देश-बंध है, भंते! क्या वह औदारिक-शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बंधक नहीं है, अबंधक है। इस प्रकार जैसे सर्व-बंध की वक्तव्यता है वही देश-बंध के विषय में वक्तव्य है, यावत् कर्म-शरीर-देश-बंधक है, सर्व-बंधक नहीं है। ४४३. भंते! जिसके आहारक-शरीर का सर्व-बंध है, भंते! क्या वह औदारिक-शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बंधक नहीं है, अबंधक है। इसी प्रकार वैक्रिय-शरीर की वक्तव्यता। तैजस- और
कर्म-शरीर की औदारिक-शरीर के साथ जो वक्तव्यता है, वही यहां वक्तव्य है। ४४४. भंते! जिसके आहारक-शरीर का देश-बंध है, भंते! क्या वह औदारिक-शरीर का बंधक
है? अबंधक है? गौतम! बंधक नहीं है, अबंधक है। इस प्रकार जैसे सर्व-बंध की वक्तव्यता है, वही देश-बंध
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