Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पांचवा शतक
पहला उद्देशक संग्रहणी गाथा पांचवे शतक के दस उद्देशक हैं-चम्पानगरी में सूर्य, वायु, ग्रन्थिक, शब्द, छद्मस्थ, आयु, एजन, निर्ग्रन्थ, राजगृह और चम्पानगरी में चन्द्रमा। जम्बूद्वीप में सूर्य की व्यक्तव्यता का पद १. उस काल और उस समय में चम्पा नाम की नगरी थी-वर्णनवाची आलापक। २. उस चम्पा नगरी में पूर्णभद्र नाम का चैत्य था-वर्णनवाची आलापक। भगवान महावीर
पधारे यावत् परिषद् लौट गई। ३. उस काल और उस समय में श्रमण भगवान महावीर के ज्येष्ठ अन्तेवासी गौतमगोत्रीय इन्द्रभूति नामक अनगार यावत् इस प्रकार बोले-भंते! इस जम्बूद्वीप द्वीप में दो सूर्य उत्तर और पूर्व के मध्य उदित हो कर पूर्व और दक्षिण के मध्य आते हैं? पूर्व और दक्षिण के मध्य उदित हो कर दक्षिण और पश्चिम के मध्य आते हैं? दक्षिण और पश्चिम के मध्य उदित हो कर पश्चिम और उत्तर के मध्य आते हैं? पश्चिम और उत्तर के मध्य उदित हो कर उत्तर और पूर्व के मध्य आते हैं? हां, गौतम ! जम्बूद्वीप द्वीप में दो सूर्य उत्तर और पूर्व के मध्य उदित हो कर यावत् उत्तर और पूर्व के मध्य आते हैं। जम्बूद्वीप में दिवस-रात्रि की वक्तव्यता का पद ४. भन्ते! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिणार्ध में दिन होता है, उस समय उत्तरार्ध में भी दिन होता है? जिस समय उत्तरार्ध में दिन होता है उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व-पश्चिम भाग में रात्रि होती है? हां, गौतम! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिणार्ध में दिन होता है यावत् उस समय पूर्व और पश्चिम भाग में रात्रि होती है। ५. भन्ते! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व भाग में दिन होता है, उस समय पश्चिम भाग में भी दिन होता है? जिस समय पश्चिम भाग में दिन होता है, उस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के उत्तर और दक्षिण भाग में रात्रि होती है? हां, गौतम! जिस समय जम्बूद्वीप द्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व में दिन होता है, यावत् उस समय
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