Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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भगवती सूत्र
गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः असंख्यय काल ।
परमाणु-स्कन्धों का अन्तरकाल-पद
१७५. भन्ते ! परमाणु-पुद्गल में (पुनः परमाणु-रूप में परिणत होने में) काल-कृत अन्तर कितना होता है ?
श. ५ : उ. ७ : सू. १७४-१८२
गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः असंख्येय काल ।
१७६. भन्ते ! द्विप्रदेशिक स्कन्ध में काल - कृत अन्तर कितना होता है ?
गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः अनन्त काल । इसी प्रकार यावत् अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध में काल-कृत अन्तर वक्तव्य है ।
१७७. भन्ते ! आकाश के एक प्रदेश में अवगाढ़ सप्रकम्प पुद्गल में काल-कृत अन्तर कितना होता है ?
गौतम! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः असंख्य काल । इसी प्रकार यावत् असंख्यप्रदेशावगाढ़ सप्रकम्प पुद्गल काल-कृत अन्तर वक्तव्य है ।
१७८. भन्ते! आकाश के एक प्रदेश में अवगाढ़ अप्रकम्प पुद्गल में काल-कृत अन्तर कितना होता है ?
गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः आवलिका का असंख्यातवां भाग । इसी प्रकार यावत् असंख्यप्रदेशावगाढ़ अप्रकम्प पुद्गल में काल-कृत अन्तर वक्तव्य है।
वर्ण, गन्ध, रस, स्पर्श सूक्ष्म परिणति में परिणत तथा बादर परिणति में परिणत- इन पुद्गलों का जो अवस्थान - काल है, वही काल-कृत अन्तर है ।
१७९. भन्ते! शब्द-परिणति में परिणत पुद्गल में काल - कृत अन्तर कितना होता है ?
गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः असंख्य काल ।
१८०. भन्ते! अशब्द-परिणति में परिणत पुद्गल में काल-कृत अन्तर कितना होता है ? गौतम ! जघन्यतः एक समय, उत्कर्षतः आवलिका का असंख्यातवां भाग ।
परमाणु-स्कन्धों का परस्पर अल्पबहुत्व - पद
१८१. भन्ते ! इस द्रव्य स्थान आयु, क्षेत्र -स्थान-आयु, अवगाहन-स्थान- आयु और भाव-स्थान- आयु में कौन किनसे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ?
गौतम! क्षेत्र-स्थान-आयु सबसे थोड़ा है, अवगाहन-स्थान-आयु उससे असंख्येयगुणा, द्रव्य-स्थान- आयु उससे असंख्येयगुणा और भाव-स्थान- आयु उससे असंख्येयगुणा अधिक होता है ।
संग्रहणी गाथा
क्षेत्र, अवगाहना, द्रव्य और भाव-स्थान- आयु का अल्पबहुत्व विमर्शनीय है। क्षेत्र का आयु सबसे थोड़ा है, शेष तीनों का आयु क्रमशः असंख्येयगुणा है ।
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