Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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श. ५ : उ. ८ : सू. २००-२०२
भगवती सूत्र
आठवां उद्देशक निर्ग्रन्थीपुत्र-नारदपुत्र-पद २००. उस काल और समय में राजगृह नाम का नगर था-नगर का वर्णन यावत् (पू.भ.१/४)
परिषद् वापस नगर में चली गई। २०१. उस काल और उस समय में श्रमण भगवान् महावीर का अन्तेवासी नारदपुत्र नाम का
अनगार था। वह प्रकृति से भद्र और उपशान्त था। उसके क्रोध, मान, माया व लोभ प्रतनु (पतले) थे, वह मृदु-मार्दव-सम्पन्न था, आलीन- संयतेन्द्रिय और विनीत था। वह श्रमण भगवान् महावीर के न अति दूर न अति निकट, 'ऊर्ध्वजानु अधःसिर' इस मुद्रा में और ध्यान कोष्ठ में लीन होकर संयम तथा तपस्या से अपने आपको भावित करता हुआ विहार कर रहा
उस काल और उस समय में श्रमण भगवान् महावीर का अन्तेवासी निर्ग्रन्थीपुत्र नाम का अनगार था। वह प्रकृति से भद्र यावत् विहार कर रहा है। निर्ग्रन्थी-पुत्र अनगार जहां पर नारदपुत्र अनगार था, वहां पहुंचता है। वहां पहुंचकर उसने नारदपुत्र अनगार से इस प्रकार कहा–आर्य! तुम्हारे मत में सब पुद्गल क्या स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश है, अथवा अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश हैं? अनगार नारद-पुत्र ने अनगार निर्ग्रन्थीपुत्र से इस प्रकार कहा–आर्य! मेरे मत में सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश नहीं है। २०२. अनगार निर्ग्रन्थी-पुत्र ने अनगार नारदपुत्र से इस प्रकार कहा–आर्य! यदि तुम्हारे मत में सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं, तो क्याआर्य! द्रव्य की अपेक्षा से सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं? आर्य! क्षेत्र की अपेक्षा से सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश है, अनर्ध, अमध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं? आर्य! काल की अपेक्षा से सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अमध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं? आर्य! भाव की अपेक्षा से सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अमध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं? अनगार नारद-पुत्र ने अनगार निर्ग्रन्थी-पुत्र से इस प्रकार कहा–आर्य! मेरे मत में द्रव्य की अपेक्षा सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश नहीं
इस प्रकार क्षेत्र, काल और भाव की अपेक्षा भी सब पुद्गल स-अर्ध, स-मध्य और स-प्रदेश हैं, अनर्ध, अ-मध्य और अ-प्रदेश नहीं हैं।
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