Book Title: Bhagwati Sutra Part 01
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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दो द्रव्यों की अपेक्षा पुद्गल-परिणति-पद २७१ ज्ञान-पर्यवों का अल्पबहुत्व-पद तीन द्रव्यों की अपेक्षा पुद्गल-परिणति-पद २७२ तीसरा उद्देशक चार द्रव्यों की अपेक्षा पुद्गल-परिणति-पद २७३ वनस्पति-पद दूसरा उद्देशक
२७३ जीव-प्रदेशों का अन्तर-पद आशीविष-पद
२७३ चरम-अचरम-पद छद्मस्थ-केवली-पद
२७६ चौथा उद्देशक ज्ञान-पद
२७६ क्रिया-पद जीवों का ज्ञानि-अज्ञानित्व-पद २७७ पांचवां उद्देशक अन्तराल-गति की अपेक्षा
२७८ आजीवक के संदर्भ में श्रमणोपासक-पद इन्द्रिय की अपेक्षा
२७८ छट्ठा उद्देशक काय की अपेक्षा
२७९ श्रमणोपासक-कृत दान का परिणाम-पद सूक्ष्म-बादर की अपेक्षा
२७९ उपनिमंत्रित-पिण्डादि परिभोग-विधि-पद पर्याप्त-अपर्याप्त की अपेक्षा २७९ आलोचनाभिमुख का आराधक-पद भवस्थ की अपेक्षा
२८० ज्योति-ज्वलन-पद भवसिद्धिक-अभवसिद्धिक की अपेक्षा ८० क्रिया-पद संज्ञी-असंज्ञी की अपेक्षा
२८० सातवां उद्देशक लब्धि -पद
२८१ अन्ययूथिक-संवाद-पद ज्ञान-लब्धि की अपेक्षा ज्ञानित्व
अदत्त की अपेक्षा -अज्ञानित्व-पद
२८१ हिंसा की अपेक्षा दर्शन की अपेक्षा
२८३ गम्यमान-गत की अपेक्षा चरित्र की अपेक्षा
२८३ आठवां उद्देशक चरित्राचरित्र की अपेक्षा
२८३ प्रत्यनीक-पद दान आदि की अपेक्षा
२८३ पांच व्यवहार-पद बाल आदि वीर्य की अपेक्षा
२८४ बंध-पद इन्द्रिय की अपेक्षा जीवों का ज्ञानित्व और ईर्यापथिक-बन्ध-पद अज्ञानित्व-पद
२८४ साम्परायिक-बंध-पद योग की अपेक्षा
२८५ कर्म-प्रकृतियों में परीषह-समवतार-पद लेश्या की अपेक्षा
२८५ सूर्य-पद कषाय की अपेक्षा
२८५ ज्योतिष्कों का उपपत्ति-पद वेद की अपेक्षा
२८६ नौवां उद्देशक आहारक की अपेक्षा
२८६ बंध-पद ज्ञान का विषय-पद
२८६ विससा-बंध-पद ज्ञानी का संस्थिति-पद
२८८ आलापन की अपेक्षा ज्ञानी का अल्पबहुत्व-पद
२९० आलीनकरण-बंध की अपेक्षा ज्ञान-पर्यव-पद
२९० शरीर की अपेक्षा
३०० ३०१ ३०१ ३०१ ३०३ ३०४ ३०४ ३०४ ३०५ ३०६ ३०६ ३०७ ३०८ ३१०
الله
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