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पहला अध्याय
मंगलाचरण
रचना का उद्देश्य
प्रतिपाद्य विषयों की तालिका विवेचन
दूसरा अध्याय
विकार का स्वरूप
विषयानुक्रम
उत्पात का स्वरूप
उल्काओं की उत्पत्ति, रूप, प्रमाण, फल और आकृति के वर्णन का निश्चय
उल्का का स्वरूप
उल्का के विकार
शुभ और अशुभ उल्काएँ
विवेचन
तीसरा अध्याय
उल्काओं द्वारा नक्षत्र - ताडन का फल
नील वर्ण, बिखरी हुई, सिंह- व्याघ्र आदि विभिन्न आकार की उल्काएं
अग्रभाग आदि के अनुसार उल्काओं के गिरने का फल
स्नेहयुक्त एवं विचित्र वर्ण की उल्काओं का फल विविध वर्ण और आकृति वाली उल्काओं का फल विद्य ुत् संज्ञक उल्का और उसका फल उल्का के गिरने का स्थानानुसार फल राजभयसूचक उल्काएँ
स्थायी नागरिकों की भयसूचक उल्काएं
अस्तकालीन उल्काओं का फल
प्रतिलोम मार्ग से जानेवाली उल्काओं का फल
विभिन्न मार्गों से गिरने वाली उल्काओं का सेना के लिए फल
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