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भद्रबाहु संहिता
पर पुल बाँधने का कार्य विशेष रूप से होता है । धन-धान्य की उत्पत्ति विपुल परिणामों में होती है और राष्ट्र में चारों ओर समृद्धि और शान्ति व्याप्त हो जाती है ।
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सूर्य परिवेष द्वारा भी राष्ट्र के भविष्य का विचार किया जाता है । चैत्र और बैशाख में बिना बादलों के आकाश में सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़े और यह कम से कम डेढ़ घण्टे तक बना रहे तो राष्ट्र के लिए अत्यन्त अशुभ की सूचना देता है । इस परिवेष का फल तीन वर्षों तक राष्ट्र को प्राप्त होता है । वर्षा का अभाव होने से तथा राष्ट्र के किसी हिस्से में अतिवृष्टि से बाढ़, महामारी आदि का प्रकोप होता है । इस प्रकार का परिवेष राष्ट्र में महान् उपद्रव का सूचक है । ऐसा परिवेष तभी दिखलाई पड़ेगा, जब देश के ऊपर महान् विपत्ति आयेगी । सिकन्दर के आक्रमण के समय भारत में इस प्रकार का परिवेष देखा गया था । सूर्य के अस्तकाल में, जब नैऋत्य दिशा से वायु बह रहा हो, इसी दिशा से वायु के साथ बढ़ता हुआ परिवेष सूर्य को आच्छादित कर ले तो राष्ट्र के लिए अत्यन्त शुभकारक होता है । देश में धन-धान्य की वृद्धि होती है । सभी निवासियों को सुख-शान्ति मिलती है। अच्छे व्यक्तियों का जन्म होता है । परराष्ट्रों से सन्धियाँ होती हैं तथा राष्ट्र की आर्थिक स्थिति दृढ़ होती है । देश में कला-कौशल का प्रचार होता है, नैतिकता, ईमानदारी और सच्चाई की वृद्धि होती है ।
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परिवेषों का व्यापारिक फलादेश - रविवार को चन्द्र-परिवेष दिखलाई पड़े तो रूई, गुड़, कपास और चाँदी का भाव महंगा, तिल, तिलहन, घी और तेल का भाव सस्ता होता है । सोने के भाव में अधिक घटा-बढ़ी रहती है तथा अनाज का भाव सम दिखलाई पड़ता है। फल और तरकारियों के भाव ऊँचे रहते हैं। रविवार के चन्द्र परिवेष का फल अगले दिन से ही आरम्भ हो जाता है और दो महीनों तक प्राप्त होता है। जूट, मशाले एवं रत्नों की कीमत घटती है तथा इन वस्तुओं के मूल्यों में निरन्तर घटा-बढ़ी होती रहती है । उक्त दिन को सूर्य परिवेष दिखलाई पड़े तो प्रत्येक वस्तु की महंगाई होती है तथा विशेष रूप से तृण, पशु, सोना, चाँदी और मशीनों के कल पुर्जों के मूल्य में वृद्धि होती है । व्यापारियों के लिए रविवार का सूर्य और चन्द्र-परिवेष विशेष महत्त्वपूर्ण होता है । इस परिवेष द्वारा सभी प्रकार के छोटे-बड़े व्यापारी लाभान्वित होते हैं । ऊन एवं ऊनी वस्त्रों के व्यापार में विशेष लाभ होता है। इनका मूल्य स्थिर नहीं रहता, उत्तरोत्तर मूल्य में वृद्धि होती जाती है। सोमवार को सुन्दर आकार वाला चन्द्र-परिवेष निरभ्र आकाश में दिखलाई पड़े तो प्रत्येक प्रकार की वस्तु सस्ती होती है । विशेष रूप
घृत, दुग्ध, तैल, तिलहन और अन्न का मूल्य सस्ता हो जाता है । व्यापारिक दृष्टि से इस प्रकार का परिवेष घाटे की ही सूचना देता है । जो लोग चाँदी,