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चतुर्विंशतितमोऽध्यायः
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एक स्थान पर स्थित हों, तो वर्षा रोक देते हैं। उक्त ग्रह स्थिति में देश में अन्न का भी अभाव हो जाता है । धान्य भाव महँगा बिकता है । रूई, कपास, जूट, सन आदि का भाव भी तेज होता है । बिहार में भूकम्प होने की स्थिति आती है। जापान और वर्मा में भूकम्प होते हैं । मंगल, बुध, गुरु और शुक्र के एक स्थान पर स्थित होने से रजो वृष्टि होती है। दुभिक्ष; अन्न, घी, गुड़, चीनी, सोना, चाँदी, माणिक्य, मूंगा आदि पदार्थों का भाव भी तेज ही होता है। नगर और गांवों में अशान्ति दिखलायी पड़ती है। बिहार, आसाम, उड़ीसा, बांगलादेश, प. बंगाल आदि पूर्वी क्षेत्रों में साधारण वर्षा और साधारण ही फसल होती है । पंजाब, दिल्ली, अजमेर, राजस्थान और हिमालय प्रदेश की सरकारों के मन्त्रिमण्डल में परिवर्तन होता है। इटली ईरान, अरब, मिस्र इत्यादि मुस्लिम राष्ट्रों में भी खाद्यान्न की कमी होती है। उक्त राष्ट्रों की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाती है। मंगल, शुक्र, शनि और राहु ये ग्रह यदि एक राशि पर आ जायें तो मेघ कभी वर्षा नहीं करते; दुभिक्ष होता है, धान्य और सस्य दोनों ही प्रकार के अनाजों की कमी होती है तथा इनके संग्रह से अनेक प्रकार का लाभ होता है । मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये ग्रह एक साथ बैठे हों तो वर्षा का अभाव होता है। इन ग्रहों के युद्ध में व्यापारियों को भी कष्ट होता है । कागज, कपड़ा, रेशम, चीनी के व्यापार में घाटा होता है। मोटे अनाजों के भाव बहुत उँचे बढ़ते हैं, जिससे खरीदने वालों की संख्या घट जाती है। फिर भी देश में शान्ति रहती है । सूर्य, गुरु, शनि, शुक्र और राहु इन ग्रहों के एक साथ रहने से मेघ वर्षा नहीं करते हैं और सब धान्यों का भाव महँगा रहता है । चार या पाँच ग्रहों के एक साथ रहने से अधिक जल की वर्षा या मही रुधिर प्लावित हो जाती है । बुध, गुरु, शुक्र, सूर्य और चन्द्रमा इन ग्रहों के एक स्थान पर होने से नैऋत्य दिशा में जनता का विनाश होता है । दुर्भिक्ष, अन्न और मवेशी का अभाव होता है । उक्त ग्रह स्थिति वर्मा, लंका, दक्षिण भारत, मद्रास, महाराष्ट्र इन प्रदेशों के लिए अत्यन्त अशुभकारक है । उक्त प्रदेशों में अन्न का अभाव बड़े उग्र और व्यापक रूप में होता है।
पूर्वीय प्रदेशों—बिहार, बंगाल, आसाम में वर्षा की कमी तो नहीं रहती किन्तु फसल अच्छी नहीं होती है। उक्त प्रदेशों में राजनीतिक उलट-फेर भी होते हैं । हैजा, प्लेग जैसी संक्रामक बीमारियां फैलती हैं । घरेलू युद्ध देश के प्रत्येक भाग में आरम्भ हो जाते हैं । पंजाब की स्थिति बिगड़ जाती है, जिससे वहाँ शान्ति स्थापित होने में कठिनाई रहती है। विदेशों के साथ भारत का सम्पर्क बढ़ता है। नये-नये व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित होते हैं। देश के व्यापारियों की स्थिति अच्छी नहीं रहती है। छोटे-छोटे दुकानदारों को लाभ होता है। बड़े-बड़े व्यापारियों की स्थिति बहुत खराब हो जाती है। खनिज पदार्थों की उत्पत्ति बढ़ती है। कलाकौशल का विकास होता है। देश के कलाकारों को सम्मान प्राप्त होता है । साहित्य