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भद्रबाहुसंहिता
बेचता है, उसे चौगुना तक लाभ होता है । मशीन के वे पार्ट स जिनसे मशीन का सीधा सम्बन्ध रहता है, जिनके बिना मशीन का चलना कठिन ही नहीं, असंभव है, ऐसे पार्ट स के व्यापार में लाभ होता है । जनसाधारण में ईर्ष्या, उद्वेग और वैमनस्य का प्रसार होता है।
वृश्चिक राशि में राहु मंगल के साथ स्थित हो तो जूट और वस्त्र के व्यवसाय में अधिक लाभ होता है । वृश्चिक राशि में राहु के आरम्भ होने के पांच महीनों तक वस्तुओं का संग्रह करके छठे महीने में वस्तुओं के बेचने से दुगुना-तिगुना लाभ होता है । खाद्यान्नों का उत्पादन अच्छा होता है तथा वर्षा भी उत्तम होती है । आसाम, बंगाल, बिहार, पंजाब, पाकिस्तान, जापान, अमेरिका, चीन में उत्तम फसल उत्पन्न होती है । अनाज के व्यापार में साधारण लाभ होता है। नारियल, सुपाड़ी और आम, इमली आदि की फसल साधारण होती है। वस्त्र-व्यवसाय क लिए उक्त प्रकार का राहु अच्छा होता है। तुला राशि में राहु स्थित हो तो दुर्भिक्ष पड़ता है, खण्डवृष्टि होती है। अन्न, घी, तैल, गुड़, चीनी आदि समस्त खाद्य पदार्थों की कमी रहती है। मवेशी को भी कष्ट होता है तथा मवेशी का मूल्य घट जाता है । यदि तुला राशि में राह उसी दिन आये, जिस दिन तुला की संक्रान्ति हुई हो, तो भयंकर दुष्काल पड़ता है। देश के सभी राज्यों और प्रदेशों में खाद्यान्नो की कमी पड़ जाती है । तुला राशि के राहु के साथ शनि, मंगल का रहना और अनिष्टकर होता है । पंजाब, बंगाल और आसाम में अन्न की कमी रहती है, दुष्काल के कारण सहस्रों व्यक्ति भूख से छटपटा कर अपने प्राण गंवा बैठते हैं । कन्या राशि का राहु होने से विश्व में शान्ति होती है। अन्न और वस्त्र का अभाव दूर हो जाता है। लौंग, पीपल, इलायची और काली मिर्च के व्यवसाय में मनमाना लाभ होता है। जब कन्या राशि का राहु आरम्भ हो उस समय से लेकर पांच महीनों तक उक्त पदार्थों का संग्रह करना चाहिए, पश्चात् छठे महीने में उन पदार्थों को बेच देने से अधिक लाभ होता है । चीनी, गुड़, घी और नमक के व्यवसाय में भी साधारण लाभ होता है। सोना, चांदी के व्यापार में कन्या के राहु के छः महीने के पश्चात् लाभ होता है। जापान, जर्मनी, अमेरिका, इंग्लैण्ड, चीन, रूस, मिस्र, इटली आदि देशों में खाद्यान्नों की साधारण कमी होती है। वर्मा में भी अन्न की कमी हो जाती है । सिंह राशि का राहु होने से सुभिक्ष होता है। सोंठ, धनिया, हल्दी, काली मिर्च, सेंधा नमक, पीपल आदि वस्तुओं के व्यापार में लाभ होता है, अन्न के व्यवसाय में हानि होती है। गुड़, चीनी और घी के व्यवसाय में समर्घता रहती है। तेल का भाव तेज हो जाता है। सिंह का राहु राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करता है। देश में नये भाव और नये विचारों की प्रगति होती है । कलाकारों को सम्मान प्राप्त होता है तथा कला का सर्वांगीण विकास होता है । साहित्य की उन्नति होती है। सभी देश शिक्षा और संस्कृति में