________________
62
भद्रबाहुसंहिता
इसी दिन सूर्य-परिवेप दिखलाई पड़े और यह एक घण्टे तक स्थित रहे तो सभी प्रकार की वस्तुओं के मूल्य की स्थिरता का सूचक समझना चाहिए। बुधवार को सूर्य-परिवेष सूर्योदय काल में ही दिखलाई पड़े तो श्वेत, लाल और काले रंग की वस्तुओं के भाव बढ़ते हैं। यदि परिवेप काल में आकाश का रंग गाय की आँख के समान हो जाय तो इस परिवेप का फल लाल रंग की वस्तुओं के व्यापार में लाभ एवं अन्य रंग की वस्तुओं के व्यापार में हानि की सूचना समझनी चाहिए । इस प्रकार की व्यापारिक स्थिति एक महीने तक ही रहती है। गुरुवार को चन्द्रपरिवेष चन्द्रोदय काल या चन्द्रास्त काल में दिखलाई पड़े तो इसका फल महर्घता होता है। रसादि पदार्थों में विशेष रूप से महंगाई होती है । औषधियों के मूल्यों में भी वृद्धि होती है । घृत, तैल आदि स्निग्ध पदार्थों का मूल्य अनुपाततः ही बढ़ता
___गुरुवार को सूर्य-परिवेष मंडलाकार में दिखलाई पड़े तो लाल, पीले और हरे रंग की वस्तुएं सस्ती होती हैं, अनाज का मूल्य भी घटता है। वस्त्र, चीनी, गुड़ आदि उपभोग की वस्तुओं में भी सामान्यतः कमी आती है । सट्टेबाजों के लिए यह परिवेष अनिष्ट सूचक है; यतः उन्हें हानि ही होती है, लाभ होने की संभावना बिल्कुल नहीं। यदि उक्त प्रकार का सूर्य-परिवेष दो घण्टे से अधिक समय तक ठहर जाय तो पशुओं के व्यापारियों को विशेष लाभ होता है । श्वेत रंग के सभी पदार्थ महंगे होते हैं और उपभोग की वस्तुओं का मूल्य बढ़ता है। बाजार में यह स्थिति चार महीनों तक रह सकती है।
शुक्रवार को चन्द्र-परिवेष लाल या पीले रंग का दिखलाई पड़े तो दूसरे दिन से ही सोना, पीतल आदि पीतवर्ण की धातुओं की कीमत बढ़ जाती है। चांदी के भाव में थोड़ी गिरावट के पश्चात् बढ़ती होती है। मशाला, फल और तरकारियों के मूल्य में वृद्धि होती है। हरे रंग की सभी वस्तुएं सस्ती होती हैं। पर तीन महीनों के पश्चात् हरे रंग की वस्तुओं के भाव में भी महंगी आ जाती है । रूई, कपास और सूत के व्यापार में सामान्य लाभ होता है। काले रंग की वस्तुओं में अधिक लाभ की संभावना है। यदि शुक्रवार को सूर्य परिवेष दिखलाई पड़े तो आरम्भ में वस्तुओं के भाव तटस्थ रहते हैं, परन्तु औषधियों, विदेश से आनेवाली वस्तुओं और पशुओं की कीमत में वृद्धि हो जाती है। श्वेत रंग की वस्तुओं का मूल्य सम रहता है, लाल और नीले रंग के पदार्थों का मूल्य बढ़ जाता है।
__ शनिवार को चन्द्र-परिवेष दिखलाई पड़े तो काले रंग के सभी पदार्थ तीन महीनों तक सस्ते रहते हैं । लाल और श्वेत रंग के पदार्थ तीन महीनों तक महंगे रहते हैं। जवाहरात विशेष रूप से महंगे होते हैं। सोना, चांदी आदि खनिज पदार्थों के मूल्य में असाधारण रूप से वृद्धि होती है। यदि इसी दिन सूर्य-परिवेष