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भद्रबाहुसंहिता
मेघविजय गणि ने रविवार के गन्धर्वनगर को अधिक अशुभकारक बतलाया है । इस दिन का गन्धर्वनगर वर्षा का अभाव करता है तथा व्यापारिक दृष्टि से भी हानिकारक होता है। सोमवार को गन्धर्वनगर दीप्तियुक्त दिखलाई पड़े तो कलाकारों के लिए शुभफल, प्रशासक वर्ग और कृषकों के लिए भी शुभ-फलदायक होता है। इस प्रकार के गन्धर्वनगर के देखने से श्रावण और आषाढ़ मास में अच्छी वर्षा होती है। भाद्रपद और आश्विन में वर्षा की कमी रहती है । यदि इस प्रकार का गन्धर्वनगर ज्येष्ठ मास में रविवार को दिखलाई पड़े तो निश्चयतः दुर्भिक्ष होता है। आषाढ़ में रविवार को दिखलाई पड़े तो आश्विन में वर्षा, अवशेष महीनों में वर्षा का अभाव तथा साधारण फसल; श्रावण में दिखलाई पड़े तो भूकम्प का भय, मार्गशीर्ष में अल्प वर्षा, वन-बगीचों की वृद्धि, खनिज पदार्थों की उपज में कमी; भाद्रपद मास में रविवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो आश्विन और कार्तिक में अनेक प्रकार के रोग, जनता में अशान्ति तथा उपद्रव होते हैं। आश्विन मास में रविवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो साधारण कष्ट, माघ में ओलों की वर्षा, भयंकर शीत का प्रकोप और चैती फसल की हानि होती है। कार्तिक और अगहन मास में रविवार के दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो अनेक प्रकार के रोगों के साथ घृत, दूध, तैल आदि पदार्थो का अभाव होता है, पशुओं के लिए चारे की भी कमी रहती है । पौष और माघ मास में गन्धर्वनगर रविवार को दिखलाई पड़े तो छ: महीनों तक जनता को आर्थिक कष्ट रहता है। निमोनिया और प्लेग दो महीने तक विशेष रूप से उत्पन्न होते हैं। होली के दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष घोर दुर्भिक्ष पड़ता है । अन्न की अत्यन्त कमी रहती है, चोर और लुटेरों का भय-आतंक बढ़ता चला जाता है। फाल्गुन और चैत में रविवार के दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जिस दिन गन्धर्व नगर का दर्शन हो उससे ग्यारह दिन के भीतर में भूकम्प या अन्य किसी भी प्रकार का महान् उत्पात होता है। वज्रपात होना या आकस्मिक घटनाओं का घटित होना आदि फलादेश समझना चाहिए। वैशाख महीने में रविवार को गन्धर्व नगर दिखलाई पड़े तो साधारणतः शुभ फल होता है। केवल उस प्रदेश के प्रशासनाधिकारी के लिए अनिष्टप्रद समझना चाहिए । इसी प्रकार ज्येष्ठमास में सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता में साधारण शान्ति, आषाढ़ मास में सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो श्रावण में वर्षा की कमी, धान्योत्पत्ति की साधारण कमी, वस्त्र के व्यापार में लाभ, घी, नमक और चीनी के व्यापार में अत्यधिक लाभ, सोना-चाँदी के व्यापार में साधारण हानि और अन्न के व्यापार में लाभ होता है। श्रावण मास में सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो चातुर्मास में अच्छी वर्षा, श्रेष्ठ फसल और जनता में सुखशान्ति रहती है। व्यापारियों के लिए भी इस महीने का गन्धर्वनगर उत्तम माना