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एकादशोऽध्यायः
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गया है । भाद्रपद और आश्विनमास में सोमवार के दिन का गन्धर्वनगर अनिष्टकारक; लोहा, सोना, चाँदी आदि धातुओं के व्यापार में अत्यधिक लाभ, फसल माधारण एवं जनता में शान्ति रहती है । कार्तिकमास के सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो शरद् ऋतु में अत्यधिक हवा चलती है, जिससे शीत का प्रकोप बढ़ जाता है । अगहन मास में गन्धर्वनगर सोमवार को दिखलाई पड़े तो सुभिक्ष, शान्ति और आर्थिक विकास होता है । मांगलिक कार्यों की वृद्धि के लिए यह गन्धर्वनगर उत्तम माना गया है । पौष, माघ और फाल्गुन मास में सोमवार को गन्धर्व नगर दिखलाई पड़े तो आगामी वर्ष सुभिक्ष, अनेक प्रकार के
रोगों की वृद्धि, देश की समृद्धि और व्यापार में साधारण लाभ होता है । चैत्र मास में सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को कष्ट, आर्थिक क्षति, अनेक प्रकार की व्याधियाँ और प्रशासकवर्ग का विनाश होता है । अन्य प्रदेशों से संघर्ष का भी भय रहता है । वैशाखमास में सोमवार को गन्धर्वनगर दिखलाई दे तो जनता में धार्मिक रुचि उत्पन्न होती है, उस वर्ष अनेक धार्मिक महोत्सव होते हैं । राजा, प्रजा सभी में धर्माचरण का विकास होता है ।
ज्येष्ठमास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो उस वर्ष आषाढ़ में साधारण वर्षा होती है, श्रावण और भाद्रपद में वर्षा की कमी रहती है तथा आश्विन मास में पुनः वर्षा हो जाती है, जिससे फसल अच्छी हो जाती है । व्यापारिक दृष्टि से वर्ष अच्छा नहीं रहता । लोहा, सोना और वस्त्र के व्यापार में हानि उठानी पड़ती है । पुराने पदार्थों के व्यापार में लाभ होता है । कागज के मूल्य में भी वृद्धि होती है । इसी महीने में बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो अशान्ति, कष्ट, भूकम्प, वज्रपात, रोग, धनहानि आदि फल प्राप्त होता है । गुरुवार को गन्धर्वनगर दिखाई पड़े तो जनता को लाभ, पारस्परिक प्रेम, शान्ति और सुभिक्ष होता है । शुक्रवार को इस महीने में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो साधारण व्यक्तियों को विशेष लाभ, धनी मानियों को कष्ट, प्रशासक वर्ग की हानि, तत्प्रदेशीय किसी नेता की मृत्यु, कलाकारों को कष्ट और वर्षा साधारणतः अच्छी होती है । फसल भी अच्छी होती है । इसी महीने में शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो वर्षा का अभाव, दुर्भिक्ष, जनता को कष्ट, तेज वायु या तूफानों का प्रकोप, अग्निभय, विषैले जन्तुओं का विकास तथा उनके प्रभाव से जनता में अधिक आतंक होता है ।
आषाढ़ महीने में मंगलवार के दिन गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो अच्छी वर्षा, सुभिक्ष, अन्न का भाव सस्ता, सोना, चाँदी के मूल्य में भी गिरावट, कलाकार और शिल्पियों को सुख-शान्ति, देश का आर्थिक विकास, व्यापारी समाज को सुख और प्रशासकों को भी शान्ति मिलती है । केवल लोहे की बनी वस्तुओं में हानि होती है । इसी महीने में बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता