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चतुर्थोऽध्यायः
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सोना, रूई, सूत, कपास, जूट आदि का सट्टा करते हैं, उन्हें विशेप रूप से घाटा लगता है। यदि इसी दिन सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़े तो गेहूँ, गुड़, लाल वस्त्र, लाख, लाल रंग तथा लाल रंग की सभी वस्तुएं महंगी होती हैं और इस प्रकार के परिवेष से उक्त प्रकार की वस्तुओं के खरीदारों को दुगुना लाभ होता है। यह परिवेष व्यापारिक जगत् के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, सीमेण्ट, चूना, रंग, पत्थर आदि के व्यापार में भी विशेष लाभ की संभावना रहती है। सोमवार को सूर्य परिवेष देखने वाले व्यापारियों को सभी प्रकार की वस्तुओं में लाभ होता है । ईंट, कोयला और अल्प प्रकार के इमारती समान के मूल्य में भी वृद्धि होती है।
मंगलवार को चन्द्र-परिवेष दिखलाई पड़े तो लाल रंग की वस्तुओं का मूल्य गिरता है और श्वेत रंग के पदार्थों का मूल्य बढ़ता है। धातुओं के मूल्य में प्रायः समता रहती है। सुवर्ण के मूल्य में परिवेष के एक महीने तक वृद्धि, पश्चात् कमी होती है । चाँदी का मूल्य आरम्भ में गिरता है, पश्चात् ऊँचा हो जाता है । श्वेत रंग का कपड़ा, सूत, कपास, रूई आदि का मूल्य तीन महीनों तक सस्ता होता रहता है। जवाहरात का मूल्य भी गिरता है । मंगलवार का चन्द्र-परिवेष तीन महीनों तक व्यापारिक स्थिति के क्षेत्र में सस्ते भावों की ही सूचना देता है । यदि मंगलवार को ही सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़े तो प्रत्येक वस्तु का मूल्य सवाया बढ़ जाता है, यह स्थिति आरम्भ से एक महीने तक रहती है पश्चात् सोना, चाँदी, जवाहरात, रूई, चीनी, गुड़ आदि वस्तुओं के मूल्य में गिरावट आ जाती है और बाजार की स्थिति बिगड़ने लगती है। मशाला, फल एवं मेवों के मूल्य में भी गिरावट आ जाती है। दो महीने के पश्चात् कपड़ा तथा श्वेत रंग की अन्य वस्तुओं की स्थिति सुधर जाती है । अनाज का भाव कुछ सस्ता होता है, पर कालान्तर में उसमें भी महँगाई आ जाती है। यदि मंगलवार को पुष्य नक्षत्र हो
और उस दिन सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़ा हो तथा वह कम से कम दो घण्टे तक बना रहा हो तो सभी प्रकार की वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि होती है। व्यापारियों के लिए यह परिवेष कई गुने लाभ की सूचना देती है। प्रत्येक वस्तु के व्यापार में लाभ होता है। लगभग चार महीने तक इस प्रकार की व्यापारिक स्थिति अवस्थित रहती है। उक्त प्रकार के परिवेष से सट्टे के व्यापारियों को अपने लिए घाटे की ही सूचना समझनी चाहिए।
बुधवार को चन्द्र-परिवेष स्वच्छ रूप में दिखलाई पड़े और इस परिवेष की स्थिति कम से कम आध घण्टे तक रहे तो मशाला, तैल, घी, तिलहन, अनाज, सोना, चांदी, रूई, जूट, वस्त्र, मेवा, फल, गुड़ आदि का मूल्य गिरता है और यह मूल्य की गिरावट कम से कम तीन महीनों तक बनी रहती है। केवल रेशमी वस्त्र का मूल्य बढ़ता है और इसके व्यापारियों को अच्छा लाभ होता है। यदि