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भद्रबाहुसंहिता
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441 441 444
455 455 455 457
461 461
461 461
निश्चयमृत्यु सूचक स्वप्न भयसूचक स्वप्न लाभसूचक स्वप्न विवेचन सत्ताईसवां अध्याय तूफ़ान के सूचक उत्पात नक्षत्रों में चन्द्रगा की स्थिति का विचार नक्षत्रों के अनुसार नवीन वस्त्र धारण करने का फल विवेचन परिशिष्ट अध्याय निमित्त कथन की प्रतिज्ञा भौम, अन्तरिक्ष आदि आठ प्रकार के निमित्त रोगों की संख्या का कथन द्विधा सल्लेखना का वर्णन अरिष्टों का कथन मन्त्रपाठ के साथ अरिष्ट-निरीक्षण अभिमन्त्रित होकर छायादर्शन छायापुरुष के दर्शन द्वारा अरिष्ट-कथन स्वप्न-फल का निरूपण दोषज, इष्ट आदि आठ प्रकार के स्वप्न सफल तथा निष्फल प्रश्न गुरु के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति के समक्ष स्वप्न को प्रकाशित न करने
का विधान अभिमन्त्रित तेल में मुख की छाया द्वारा अरिष्ट का विचार शब्दश्रवण द्वारा शुभाशुभ फल का विचार शकुनविचार भूमि पर सूर्य-बिम्ब का दर्शन कर अरिष्ट के कथन का निरूपण रोगी के हाथ द्वारा रोगी के अरिष्ट का संकेत षोडशदल कमलचक्र द्वारा आयुपरीक्षा अश्विनी आदि 27 नक्षत्रों में वस्त्र धारण का क्रमशः फल-कथन नूतन वस्त्र के कटने-फटने, छिद्र आदि होने के फल का निरूपण विवाह, राज्योत्सव आदि काल में वस्त्र धारण का शुभ फल श्लोकानुक्रमणिका
462 465 468 473 474 483
483
484 486 426 487 487
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490 491 493 494 495